Pimpri पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे में पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच जंग छिड़ गया है। पुलिस अंबिल लोढा इलाके में अतिक्रमण हटाने पहुंची तो पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। इतना ही नहीं कुछ नागरिकों ने अपने शरीर पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाने की भी कोशिश की है। अंबिल लोढ़ा इलाके से अतिक्रमण हटाने के लिए पुणे पुलिस के साथ पालिका के अधिकारी पहुंचे थे। लेकिन इस बार स्थानीय लोगों ने अतिक्रमण हटाने का विरोध किया। इस दौरान पुणे पुलिस मुर्दाबाद का नारा भी दिया गया। यहां तनाव उस समय बढ़ गया है जब कुछ नागरिकों ने उनके शरीर पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाने की कोशिश की।
पुलिस अचानक आयी और हमें घर से नीचे उतरने को कहा। हमें इस कार्रवाई के बारे में कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। नागरिक पूछ रहे हैं कि हम घर से निकलकर जाएं तो कहां जाएं? हम 50 से 60 साल से यहां रह रहे हैं और नागरिक मांग कर रहे हैं कि हमें वैकल्पिक व्यवस्था दी जाए और फिर कार्रवाई की जाए। साथ ही स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगरपालिका के नहीं बल्कि एक बिल्डर के नोटिस के बाद कार्रवाई शुरू की गई। नोटिस पर पुणे पालिका की मुहर क्यों नहीं है? ऐसा सवाल स्थानीय लोगों ने पूछा है।
नीलम गोर्हे का आरोप
पिछले 15 दिनों से मैं पालिक आयुक्त,एसआरए अधिकारियों से मिल रही हूं। एसआरए के संबंध में शिकायत दर्ज करने के लिए 15 जुलाई तक का समय मांगा है। एसआरए के लिए जो क्षेत्र खाली किया जाना है,वहां अतिक्रमण व सुरक्षा के नाम पर तुगलक की कार्रवाई की जा रही है। एकनाथ शिंदे ने दोपहर 2 बजे बैठक बुलाई है। लेकिन उससे पहले ही नगर पालिका का यह सारा काम शुरू हो गया है,शिवसेना नेता नीलम गोर्हे ने ऐसा आरोप लगाया है। भाजपा विधायक माधुरी मिसाल,बिडकर और मुरलीधर मोहोल सुरक्षा के नाम पर डेवलपर्स के साथ बैठक कर रहे हैं और लोगों के घरों को तोडकर बेघर कर रहे है। स्थानीय नगरसेवक ने पालिका और पुलिस प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई को गलत बताया है।