Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) 2 महीने से पुणे के फरासखाना पुलिस थाने में रह रहा बांग्लादेशी कपल का खाने से लेकर कपड़ों तक का खर्च उठा रही पुलिस। यह कपल सिस्टम के मारे दर दर भटकने को मजबुर हैं। इनकी दर्द भरी कहानी सुनकर हर किसी का कलेजा फट जाता है। दो साल पहले वेश्यालय के एक दलाल के चंगुल में फंस गए। नौकरी का झांसा देकर पति पत्नी को बांगलादेश से पश्चिम बंगाल के रास्ते पुणे लाया और बुधवार पेठ(रेडलाइट एरिया) में एक कमरे में रखा। एजेंट अच्छी बोली से ज्यादा पैसे कमाने के फिराक में था। महिला को वेश्यावृत्ति में धकेलना चाहता था। जब विरोध किया तो 2 लाख रुपये की मांग की। वाद विवाद बढ़ा और मामला पुलिस तक पहुंचा। जेल रिहा होने के बाद कपल अपने वतन की वापसी का इंतजार कर रहे है। लेकिन परेशानी अभी उनकी कम नहीं हुई। बांग्लादेश राजदूत से पुलिस प्रशासन संपर्क करके दोनों को भेजने की अपील की है। लेकिन अभी तक कोई साकारात्मक रिसपांस नहीं मिलनेे से पिछले 2 महिनों से पुलिस थाने में रहने को मजबुर है।
बांग्लादेश हाईकमीशन के आदेश का इंतजार
पुलिस के अनुसार इस कपल के पास भारत आने का वीजा,पासपोर्ट नहीं था। मामला अदालत में गया और कोर्ट ने दोनों को दो साल की सजा सुनाई। जून में उनकी सजा खत्म हुई और येरवदा जेल से निकल कर ये पुलिस स्टेशन आ गए। पिछले दो महीने से पुणे पुलिस की टीम लगातार बांग्लादेश हाई कमीशन से इन्हें वापस ले जाने की अपील कर रही है,लेकिन कागजी कार्रवाई में देरी के कारण मामला लगातार लंबित हो रहा है।
बिना पासपोर्ट,वीजा के भारत लाए गए
फरासखाना पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर राजेंद्र लांडगे ने बताया,’मोहम्मद मंडल और माजिद मंडल बांग्लादेश के खुलना जिले के रहने वाले हैं। 26 जून 2019 को ये पुणे आए थे और बुधवार पेठ इलाके में रह रहे थे। हमें यह जानकारी मिली कि ये बिना वैध पेपर के भारत आए हैं। इसके बाद हमारी टीम ने दोनों को सम्बंधित धाराओं में अरेस्ट किया था। मामला कोर्ट में जाने के बाद इन्हें 2 साल की सजा हुई। 14 जून को इनकी सजा पूरी हुई है और कोर्ट ने पुणे पुलिस से इन्हें वापस बांग्लादेश भेजने को कहा है।’
पुलिस थाना बना सहारा
राजेंद्र लांडगे ने आगे बताया कि दो महीने से हम लगातार बांग्लादेशी एम्बेसी से संपर्क कर रहे हैं,लेकिन वहां से कोई भी जवाब नहीं आया है। हम अदालत के आदेश का पालन करते हुए इन्हें अपने कैंपस में रहने दे रहे हैं। इनके 3 टाइम के खाने और 2 टाइम के नाश्ते का इंतजाम भी हम ही कर रहे हैं। पति-पत्नी पुलिस स्टेशन में ही दो वक्त की नमाज पढ़ते हैं। बकरीद के मौके पर पुलिस स्टेशन की ओर से इन्हें नए कपड़े दिलाए गए थे। इनके दो बच्चे बांग्लादेश में हैं और यह दंपत्ति उनके पास वापस जाना चाहता है। हम बांग्लादेश हाईकमीशन से अपील करते हैं कि इस मामले में वे उचित निर्णय ले और इस दंपत्ति को सही सलामत उनके घर पहुंचाने में मदद करे।’
2 साल बाद गिरफ्त से बाहर एजेंट
दो साल से ज्यादा का समय हो जाने के बावजूद पुलिस उस एजेंट का पता नहीं लगा पाई, जो उन्हें भारत लाया था। जेल से निकलने के बाद पति-पत्नी ने वीडियो कॉल के जरिए अपने बच्चों से बात की थी। इस दौरान दोनों बच्चे बहुत रो रहे थे। माजिदा के मुताबिक, दोनों उनके परिवार के एक सदस्य के साथ रह रहे हैं। मंडल दंपत्ति पुणे पुलिस के इस प्रयास की बहुत सराहना कर रहा है और उन्हें उम्मीद है कि वे जल्द ही वापस अपने घर जा पाएंगे।