पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे अपने मसखरापन के लिए मशहूर हैं। पुणे इवेंट में अपने भाषण में उन्होंने हमेशा की तरह हिट भी किया। मंच पर उनके साथ सांसद संभाजीराजे छत्रपति भी थे। इस अवसर पर बोलते हुए रावसाहेब दानवे ने अपनी फटी कमीज की कहानी सुनाई। मैंने सभी पदों का आनंद लिया। मुझे क्षेत्र की जनता ने बहुत सारे पद दिए,मैं तीन बार केंद्र में मंत्री रह चुका हूं,लेकिन मैंने सादगी का दामन नहीं छोड़ा है। कल मैं हैदराबाद में अपने एक दोस्त के पास गया था। बड़ा आदमी है तो उसने कहा दादाजी आप खादी की कमीज ले लो। तुमने क्यों कहा कि तुम्हारी कमीज फटी हुई है? एक नई शर्ट प्राप्त करें। मैंने कहा कमीज फटी होने से क्या फर्क पड़ता है? अब तुम सब पुणे के हो,तो बताओ कोई आदमी फटी हुई कमीज में बैठा हो या नहीं। घर की औरत ने तुमसे कहा होगा,तुम्हारी कमीज फटी हुई है,इसे बदलो। फटी कमीज वाला कोई ऐसा शख्स है क्या.. देखिए मेरी कमीज यहां फटी पड़ी है,रावसाहेब दानवे ने मंच पर अपनी फटी कमीज दिखाई.
लोगों ने कहा चलो एक आखिरी बार वोट करते हैं
इस समय रावसाहेब दानवे ने चुनाव के समय की कहानी भी सुनाई। चुनाव के दौरान बीमार होने के बावजूद मुझे साढ़े तीन लाख के अंतर से चुना गया। चुनाव का प्रमाण पत्र लेते समय मेरे साथ शिवसेना के अर्जुन खोतकर और बबनराव लोणीकर थे।उस समय लोनीकर ने कहा,बिना कोई बैठक किए दानवे इतने बड़े अंतर से कैसे निर्वाचित हो गए। इस पर खोटकर ने कहा कि लोगों ने सोचा होगा कि दानवे गंभीर बीमार है। चलो उनको अंतिम वोट देकर फर्ज अदा करें।
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे ने बड़ा बयान दिया है कि केंद्र सरकार ने रेलवे के निजीकरण का रास्ता अपनाया है। रावसाहेब दानवे ने कहा कि अगर आप कहते हैं कि हम ट्रेन चलाते हैं, तो हम उसके लिए भी तैयार हैं। रावसाहेब दानवे पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस बार उन्होंने यह बयान दिया है। वंदे भारत नाम के एक हजार एक्सप्रेस अब रेलवे की सेवा में आएंगे। यह रेलवे चेन्नई में बन रही है। मैं निरीक्षण करने गया था। अच्छे कोच और अच्छी सर्विस। लेकिन अगर आप ट्रेन चलाना चाहते हैं, तो आपको पैसे कहां से मिलते हैं? किराया नहीं बढ़ाया जा सकता। अब हम कुछ ट्रेनों को निजी तौर पर चलाने की इजाजत दे रहे हैं। मान लीजिए पटेल ने आज बाइक ली और कहा कि कल मैं ट्रेन चलाना चाहता हूं। मैं किराया वसूल करूंगा। तो हम वो भी देने को तैयार हैं।
रेलवे को हुआ 60,000 करोड़ रुपये का घाटा
घाटे को कम करने के लिए रेलवे कुछ योजनाएं लेकर आया है। रेलवे घाटे में है। कोविड में रेलवे को 60,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसलिए रेलवे स्टेशन पर ही आय के अन्य स्रोत बढ़ाए जाएंगे। हम एक रेलवे कैंटीन किराए पर लेंगे। यह सौर पैनलों की स्थापना की भी अनुमति देगा। हम ई-बाइक चार्जिंग सेंटर के लिए जगह मुहैया कराएंगे। कुछ ट्रेनें निजी कंपनियों द्वारा चलाई जाती हैं। फिलहाल हम रेल यात्री किराया नहीं बढ़ा सकते,इसलिए राजस्व बढ़ाने के लिए निजीकरण कर रहे हैं।