Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) इन दिनों मुला मुठा नदी को जलकुंभी(जलपर्णी) पूरी तरह जकड़ ली है। पुणे मनपा प्रशासन और संबंधित ठेकेदार हरवर्ष इस इंतजार में रहते हैं कि कब बारिश आए और इसे बहा कर ले जाए,ताकि लाखों करोडों रुपये का मंजूर ठेका को हड़प किया जाए।
पुणे मनपा ने स्पाइडर मशीन से मुला मुठा नदी से जलकुंभी निकालने के लिए एक निजी ठेकेदार को काम पर रखा है। यह अवधि अप्रैल 2021 से 31 मार्च,2022 तक है। मुला मुठा नदी में सीवेज आने के कारण जलकुंभी बड़ी संख्या में उगती है। जलकुंभी को नहीं हटाया गया तो नदी किनारे मच्छर भी बड़ी संख्या में पैदा जो जाते हैं। नदी के किनारे रहने वाले नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में होता है। इसलिए जलकुंभी को हटाने के लिए पालिका की ओर से टेंडर जारी किया गया है। पहले स्वास्थ्य विभाग जलकुंभी को हटाने का काम करती थी,लेकिन पिछले साल से काम सीवरेज विभाग को सौंप दिया गया है। कोरोना काल में पालिका ने नियम 67(3)(ए) के तहत अत्यावश्यक कार्य का झांसा देकर एक निजी ठेकेदार से स्पाइडर मशीन की मदद से जलकुंभी निकालने के कार्य को मंजूरी दी।
मुठा पिछले कुछ दिनों से जलकुंभी लेकर नदी में बहा रहे हैं। पालिका राजाराम पूल पर काम कर रहा है, तो देखा गया कि नदी में जलभराव के कारण जलकुंभी की हरी चादर इस क्षेत्र में लंबे समय तक फैली हुई थी। लेकिन अब जलकुंभी राजाराम पुल से संगमवाड़ी की ओर बह रही है। कई जगहों पर जलकुंभी ठहरी हुई है,इसलिए पत्ते अंकुरित हो रहे हैं और जलकुंभी बढ़ रही है। पालिका के लिए जरूरी है कि राजाराम पुल के किनारे से जलकुंभी को हटाया जाए। हलांकि पालिका का सीवरेज विभाग जलकुंभी को आगे बहने का इंतजार कर रहा है। जल निकासी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि संगमवाड़ी या मुंडवा जैकवेल में जलकुंभी को हटाया जाएगा।
समय सीमा से पहले आवश्यक कार्रवाई
पुणे पालिका द्वारा नियुक्त ठेकेदार का कार्यकाल 31 मार्च,2022 को समाप्त होगा। इससे पहले ठेकेदार को मुला मुठा नदी से जलकुंभी हटाना जरूरी है,नहीं तो अप्रैल के बाद नए ठेकेदार की नियुक्ति होने तक जलकुंभी हटाने पर रोक लग सकती है। हमें ठेकेदार द्वारा जलकुंभी हटाने की दैनिक रिपोर्ट मिलती है। तदनुसार नदी और झील से जलकुंभी को हटा दिया गया है। मुला मुठा में जलकुंभी विभाग को जलकुंभी के आदेश दिए जाएंगे और नदी या झील में जलकुंभी होने पर संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के जल निकासी विभाग के कनिष्ठ अभियंता ठेकेदार से संपर्क कर जलकुंभी को हटाने का काम करेंगे।
गर्मी में 39 लाख की जलकुंभी हटायी गई
अप्रैल 2021 में जब कोरोना की दूसरी लहर शुरू हुई तो पालिका ने तुरंत जलपर्णी को हटाने के लिए एक कंपनी को काम करने का आदेश दिया था। 7 अप्रैल से 18 जून तक ठेकेदार जलकुंभी हटाने के लिए स्पायडर मशीन,जेसीबी,डंपर,656 मजदुर का इस्तेमाल किया। इसके पीछे 30-40 लाख खर्च लगा। हलांकि विषयपत्रिका में इस खर्च का उल्लेख नहीं था लेकिन अचानक सदस्यों द्धारा लाए गए विषय के आधार पर मंजूरी दी गई थी।