Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) कभी भूखंडों के मामले में कभी औद्योगिक कंपनियों से फिरौती की वसूली के रूप में साथ ही रेत तस्करी और इस तरह के अन्य गंभीर अपराधों के मामले में पुणे जिले में पिछले कुछ वर्षों से संगठित अपराध चल रहा है। हालांकि पिछले ढाई साल में ग्रामीण पुलिस ने इस पर नकेल कसी है। महाराष्ट्र संगठित अपराध रोकथाम अधिनियम (मोक्का) के अनुसार ग्रामीण पुलिस ने 50 से अधिक आपराधिक गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें सीधे जेल भेज दिया। पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता पिछले कुछ महीनों से संगठित अपराध पर नकेल कस रहे हैं। इसलिए सराय में अपराधियों को अच्छी तरह से संरक्षित किया जाता है। अब ग्रामीण पुलिस अधीक्षक अभिनव देशमुख के मार्गदर्शन में संगठित अपराध गिरोहों पर ग्रामीण पुलिस ने शिकंजा कसा है।
औद्योगिक संपदा से कमाई
शहरीकरण,औद्योगीकरण और पर्यटन ने ग्रामीण क्षेत्रों में गंभीर अपराध को जन्म दिया है जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की कीमत,भूमि पर अवैध कब्जा,पिरंगुट,रंजनगांव और अन्य औद्योगिक सम्पदाओं में ठेका,फिरौती के प्रकार,रेत की तस्करी,अपराधियों के बीच वर्चस्व के लिए संघर्ष,हत्या और हत्या का प्रयास चरम सीमा पर है। सबसे बड़े लाभार्थी औद्योगिक एस्टेट और कंपनियां हैं।
पांच तहसीलों में कार्रवाई
मुलशी,पौड,हवेली,बारामती और इंदापुर तहसीलों में कुछ वर्षों से संगठित अपराध बढ़ रहे थे। आम नागरिक इसकी चपेट में आ रहे थे। पुलिस अधीक्षक देशमुख ने इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई के आदेश दिए थे। उनके मुताबिक पिछले ढाई साल में 50 से ज्यादा आपराधिक गिरोह के नेता और उनके 250 से ज्यादा अपराधियों को जेल भेजा जा चुका है।
टॉप टेन फॉर्मूला
पुलिस अधीक्षक देशमुख ने जिले के हर थाने को टॉप टेन फॉर्मूला लागू करने के निर्देश दिए हैं। प्रत्येक थाने में 10 कुख्यात अपराधियों की सूची पुलिस रिकार्ड में तैयार की। घटना में शामिल 10 अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। पुणे जिले के ग्रामीण इलाकों में संपत्ति और शरीर के खिलाफ गंभीर अपराध लगातार हो रहे थे। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही थी। कानूनी प्रक्रिया के तहत पहले एमपीआईडीए के तहत निर्वासन की कार्रवाई की जा रही थी। हालांकि अपराधियों का पुनर्वास नहीं किया गया और उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
गिरोह के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई
वर्ष अपराध अभियुक्तों की संख्या
2019 15104
2020 1576
2021 1061