Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे अपराध शाखा की सामाजिक सुरक्षा पथक की ओर से शनिवार को देर रात तक चलने वाले होटल,हुक्का बार पर धडाकेबाज कार्रवाई की गई। शनिवार की रात और रविवार की सुबह विशेष रूप से आयोजित विशेष अभियान के तहत येरवडा पुलिस स्टेशन सीमा में वाटर बार,कोंढवा थाना क्षेत्र के भीतर ’हाउस अफेयर’ और ’सर्फटॉप विलेज’ और ’अजंत जैक्स’ जैसे विभिन्न होटलों में कार्रवाई की गई। कई युवक-युवतियां नशे की हालत में मिले। पुलिस की कार्रवाई का विरोध करते समय उनको नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया। कल्याणी नगर में अवैध हुक्का बार मिला। जिसमें 6 हुक्का,मिर्च,मोबाईल,दवाएं,विभिन्न स्वाद वाले तंबाखू,1 डीवीआर इत्यादि सामाग्री बरामद की गई।
आरोपियों के नाम
इस मामले में सौरभ दत्तात्रय नवगन उम्र 35 नि.सिल्वर ओक सोसायटी,कल्याणीनगर,येरवडा,प्रसन्नोत्तम पाठक उम्र 24 नि.श्रीराधा सोसायटी,कोरेगांव पार्क,श्रवण भूटान सर्कल उम्र 34 नि.अमन अनूप होटल वडगांशेरी के खिलाफ मामला पंजिकृत किया गया है। आरोपियों के विरुद्द येरवडा थाने में सीआर सं.220/22 धारा 4(ए),21(ए)के तहत मामला दर्ज किया गया है।
येरवडा और मुंढवा पुलिस स्टेशन की जवाबदेही
शहर में कई अवैध धंधे.हुक्का बार,देर रात तक होटल बार,मटका जुगार अड्डे शुरु रहते है। जिनके कारण परिसर के निवासियों को भारी परेशानी झेलनी पडती है। स्थानीय पुलिस की मिलिभगत और आशीर्वाद के बिना यह संभव नहीं। अपराध शाखा और सामाजिक सुरक्षा पथक को अवैध धंधों,देर रात तक चलने वाले होटलों की जानकारी उपलब्ध होती है लेकिन स्थानीय पुलिस को खबर नहीं,यह कैसे हो सकता है? पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता को पुलिस थानों की जवाबदेही निर्धारित करनी होगी और जिन पुलिस थानों के अंतर्गत अवैध तरीके से देर रात होटल,हुक्का बार,अवैध धंधे पकडे जाते हैं उसके लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और एक्शन लिया जाना चाहिए।
अवैध धंधों पर पुलिस की कार्रवाई अपराध नहीं
शनिवार को अपराध शाखा,सामाजिक सुरक्षा पथक ने येरवडा,मुंढवा इलाकों में देर रात तक चलने वाले हुक्का बार,होटलों पर कार्रवाई की। नशे में धुत्त युवक-युवतियों पर लाठी का हलका प्रयोग करना पडा। अब इस बात का विरोध हो रहा है कि पुलिस ने लाठी का इस्तेमाल क्यों किया? अब रात 3 बजे पब,हुक्का बार,होटलों में नशे के धुत्त में पाए जाने वाले लोग वहां भजन कीर्तन करने तो गए नहीं। बडे बाप की बिगडैल औलाद हैं। शरीफ नागरिक आधी रात के समय घर पर होते है। पुलिस ऐसे बिगडैलों को हाथ लगाए तो विनयभंग,लाठी भांजे तो मारपीट। आखिर पुलिस करे तो क्या करे? ये लोग वहां भजन कीर्तन करने नहीं गए थे कि पुलिस उनकी आरती उतारे। अवैध धंधों,हुक्का बार,देर रात तक होटल शुरु होने की खबर मीडिया दिखाती है,अब पुलिस ने साहस दिखाकर प्रशंसनीय कार्रवाई की तो शाबासी की बजाय अलोचना मिल रही है। ऐसी दोहरी भूमिका कैसे चलेगी? मीडिया हो या आम नागरिक पुलिस के अच्छे कामकाज पर उनके साथ खडा होना चाहिए,अगर पुलिस गलत कर रही तो लोकतंत्र के दायरे में रहकर विरोध करना चाहिए। लेकिन बेवजह पुलिस के नाम पर शोर मचाना न्यायसंगत नहीं।
पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता,पुलिस सह आयुक्त संदिप कार्णिक,अप्पर पुलिस आयुक्त रामनाथ पोकले,पुलिस उपआयुक्त (अपराध) श्रीनिवास घाटगे, के मार्गदर्शन में सामाजिक सुरक्षा पथक वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक राजेश पुराणिक,पुलिस उपनिरिक्षक श्रीधर खडके,नौ परिवीक्षाधीन पुलिस उप निरिक्षक और सामाजिक सुरक्षा विभाग के पुलिस अधिकारी,मादक द्रव्य विरोधी दस्ते की संयुक्त टीम ने कार्रवाई की।