Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) समाज,संविधान और संसाधनों को बचाने के लिए नेशनल कोऑर्डिनेशन ऑफ पीपुल्स मूवमेंट्स ने पूरे देश में जन स्वतंत्रता के लिए लड़ने का फैसला किया है। क्रान्ति दिवस के अवसर पर सोमवार (9 अगस्त) से अमृतमहोत्सव स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त 2022) तक स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण स्थानों पर वर्ष भर जन-जागरूकता आंदोलन चलेगा। यह जानकारी जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वयक की नेता मेधा पाटकर ने दी। उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि हम सच्ची स्वतंत्रता चाहते हैं,जो हमें स्वतंत्रता की वर्षगांठ मनाने के बजाय अधिकार देती हो।
नर्मदा बचाओ आंदोलन के संघर्ष को 36 साल हो चुके हैं। वनों,जंगलों और भूमि पर हमलों को रोकने के लिए राष्ट्रीय जन आंदोलनों के समन्वय द्वारा संघर्ष छेड़ा जा रहा है। हालांकि कोरोना के बहाने आंदोलन को दबाया जा रहा है। तालाबंदी में कई लोगों की नौकरी चली गई। आदिवासियों और दलितों को उनकी आजीविका से वंचित कर दिया गया। पाटकर ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों के समाधान के लिए एक विकल्प के रूप में लोक संसद की स्थापना की जा रही है।
उदारीकरण,निजीकरण और वैश्वीकरण की नीति देश को गुलामी की ओर ले जा रही है। संविधान में कंपनीकरण का कोई स्थान नहीं है। केंद्र सरकार की नीतियां निगमीकरण के लिए अनुकूल हैं। पाटकर ने कहा कि कोरेगांव भीमा मामले में कार्यकर्ताओं पर झूठे मामले दर्ज करके जेल भेजा गया था।