Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) स्कूली बच्चों को राष्ट्रीय नायकों के बारे में पढ़ाया और बताया जाना चाहिए। इससे युवा पीढी को प्रेरणा मिलती है। पाठयपुस्तकों में जीवन यात्रा और बलिदान की गाथा का पठन कराना चाहिए। ऐसा भारत के उपराष्ट्रपति वैंकय्या नायडू ने कहा। नायडू ने आगे कहा कि अंग्रेजों ने अपने हिसाब से तोडमरोड कर इतिहास को पेश किया। भारत के स्वंतत्रता वीरों को उचित सम्मान नहीं मिला।
पुणे की महाराष्ट्र एज्यूकेशन सोसायटी की 160 वीं विरासत के ऐतिहासिक लेख ध्यास पंथे चलता नामक पुस्तक का विमोचन उपराष्ट्रपति नायडू के करकमलों द्धारा किया गया। इस अवसर पर वे बोल रहे थे। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का जीवन आने वाली पीढियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनना चाहिए। उन्होंने खेद व्यक्त किया कि ब्रिटिश शासन के तहत, देश के नायकों को उचित सम्मान नहीं दिया गया था।उपराष्ट्रपति ने कहा,दुर्भाग्य से अंग्रेजों को भगाने और स्वतंत्रता प्राप्त करने में सक्षम होने के बाद,शिक्षा प्रणाली में हमारी कुछ औपनिवेशिक सोच बरकरार रही और इसे पूरी तरह से खत्म किया जाना चाहिए।
उन्होंने नयी शिक्षा नीति (एनईपी) को बेहद प्रेरणादायक बताया। नायडू ने कहा,मुझे विश्वास है कि एनईपी के सफल क्रियान्वयन से बच्चों और युवाओं के प्रति हमारा नजरिया बदल जाएगा। हमारे गौरवशाली इतिहास को किसी भी हीन भावना से मुक्त होना चाहिए।