Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) राज्य सरकार ने विकास परियोजनाओं के लिए किसानों की जमीन का कब्जा लेने पर मुआवजे के रूप में बाजार मूल्य का चार गुना देने के बजाय दोगुना और 20 फीसदी कम करने का फैसला किया है। स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के अध्यक्ष पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने बुधवार को आगाह किया कि इस संबंध में महाविकास अघाड़ी सरकार द्वारा जारी परिपत्रों को वापस लें,अन्यथा राज्य में परियोजनाएं बंद हो जाएंगी।
2013 में तत्कालीन कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम बनाया था। वर्तमान केंद्र सरकार ने इस अधिनियम में संशोधन करने की मांग की है। हालांकि वह असफल रहा। राज्यों को इस संबंध में सुधार करने के लिए सूचित किया गया था। इसी के तहत राज्य सरकार ने दो सर्कुलर जारी किए हैं। एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए शेट्टी ने कहा,अगर जमीन पर कब्जा कर विकास कार्य किया जा रहा है तो इसका कोई विरोध नहीं है।
हालांकि महाविकास अघाड़ी सरकार ने 6 अक्टूबर 2021 और 14 जनवरी 2022 को सर्कुलर जारी किया है। इसके अनुसार किसानों को अपेक्षित मुआवजा नहीं मिलेगा और उनके साथ अन्याय होगा। इन फैसलों से किसानों को 70 फीसदी कम मुआवजा मिलेगा। इस पृष्ठभूमि में विकास के नाम पर भ्रष्टाचार बंद होना चाहिए। हम किसान की सहमति के बिना जमीन लेने का विरोध करेंगे।