Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) राज्य के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को तृतीयपंथी छात्रों के लिए अलग शौचालय बनाने होंगे। इस संबंध में निर्देश उच्च शिक्षा निदेशालय के निदेशक डॉ.धनराज माने ने दिया। सुप्रीम कोर्ट ने तीसरे पक्ष को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने का आदेश दिया है। तदनुसार राजपत्र 2019 में प्रकाशित किया गया था।
इस संदर्भ में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ.धनराज माने ने प्रदेश में गैर कृषि,विचाराधीन,स्ववित्तपोषित विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों को निर्देश दिए हैं। तृतीयक छात्रों को अपने शैक्षणिक जीवन में विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के लिए सामान्य छात्र,तीसरे पक्ष के छात्रों से मित्रता करने के मामले में संकीर्ण सोच वाले होते हैं,और कॉलेज के छात्रावासों का उपयोग करते समय उन्हें अपमानित किया जाता है।
समाज की मुख्यधारा में तीसरे पक्ष को समायोजित करने के लिए,विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को उनके साथ अलग व्यवहार किए बिना एक समग्र दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उनके लिए अलग से शौचालय का निर्माण कराया जाए। ताकि उन्हें व्यक्तिगत अपमान,कठिनाइयों का सामना न करना पड़े और शिक्षा पर अधिक ध्यान देना पड़े, ऐसा राज्य सरकार के सर्कुलर में कहा गया है।