Pune पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) राज्य सरकार के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग की एक टीम पिछले तीन दिनों से पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के बांधकाम विभाग में डेरा डाले हुए है। टीडीआर खरीद-बिक्री हुए दस्ते के अधिकारियों द्धारा बनाई गई फाइलों की जांच की जा रही है। कुछ बिल्डरों ने टीडीआर खरीद-बिक्री कर जीएसटी की चोरी की है।
नामित बिल्डरों के लेन-देन की जांच से आधिकारिक-बिल्डर लॉबी बुरी तरह प्रभावित हुई है। इसका फायदा उठाकर बिल्डर भूमि अधिग्रहण में योगदान करते हैं और टीडीआर कौडी भाव से मकान मालिक से करोड़ों रुपये लेते हैं। टीडीआर ट्रांजैक्शन से करोड़ों रुपये जमा हो गए हैं। भोसरी,मोशी,चिखली,चार्होली,रावेत,वाकड,चिंचवड़,तथावड़े,पुनावाले,किवले,मामूर्डी,पिंपले-निलख नए विकसित क्षेत्र हैं जहां आवास परियोजनाओं का जाल हैं। इस उद्देश्य के लिए टीडीआर का व्यापक रूप से उपयोग किया गया है। हालांकि,टीडीआर लेते समय कुछ बिल्डरों ने राज्य के जीएसटी विभाग के नियमों का पालन नहीं किया,नियमों के अनुसार जीएसटी का भुगतान नहीं किया है। ऐसी शिकायत येरवडा जीएसटी कार्यालय को मिली। इसी को गंभीरता से लेते हुए जीएसटी अधिकारियों की टीम ने 31 मई को मनपा में दस्तक दी है। शिकायत के मुताबिक टीडीआर ट्रांजैक्शन फाइलों की जांच शुरू कर दी गई है। फाइलों से टैक्स इनवॉयस,पैन कार्ड,आधार कार्ड और कुछ जरूरी दस्तावेजों की झेरॉक्स कॉपी जब्त की जा रही है।
जीएसटी टीम के अधिकारियों ने कहा कि टैक्स चोरी में शामिल बिल्डरों को कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा और उनका खुलासा करने की मांग की जाएगी। तीन दिन से चल रही इस कार्रवाई से बांधकाम विभाग के कुछ अधिकारी फंसते नजर आ रहे है जो मिलिभगत से बिल्डरों की सुविधा अनुसार मदद की है। मनपा के बाद जीएसटी विभाग की टीम शहर के सेकेंडरी रजिस्ट्रार कार्यालय में पहुंचेगी। परिसर की खरीद-बिक्री की जांच टीम करेगी। इसलिए जीएसटी को डूबोने वाले बिल्डरों की सांसें फूल गई है।
शहर अभियंता मकरंद निकम ने कहा कि राज्य सरकार के जीएसटी विभाग की एक टीम जांच कर रही है और पालिका उनका सहयोग कर रही है। उनके द्वारा मांगे गए टीडीआर खरीदी-बिक्री लेनदेन से संबंधित सभी फाइलों को जब्त कर लिया गया है।