Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) स्नातक शिक्षा की सीमा नहीं है,यह शिक्षा की शुरुआत है। यदि स्नातक जीवन में बड़े लक्ष्य निर्धारित करें और उन्हें प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करें तो असाधारण प्रगति की जा सकती है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पुणे में कहा कि जब देश आजादी का अमृत पर्व मना रहा है,सभी को आत्मनिर्भर बनना चाहिए और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रयास करना चाहिए। पुणे में श्री बालाजी (अभिमत) विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह रविवार (16 दिसंबर) को राज्यपाल कोश्यारी की दूरस्थ उपस्थिति में ऑनलाइन और ऑफलाइन आयोजित किया गया था। दीक्षांत समारोह में श्री बालाजी विश्वविद्यालय पुणे से एयर मार्शल भूषण गोखले (सेवानिवृत्त),महाराष्ट्र एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष,श्री बालाजी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बी.परमानंदन,वाइस चांसलर डॉ.जी.के.शिरुडे के साथ-साथ कॉल हेल्थ कंपनी के प्रमुख टी.हरि,ओनिडा इंडिया के पूर्व प्रधान यशो वर्मा,शिक्षक एवं स्नातक छात्र उपस्थित थे।
स्नातकों को इस बात पर बड़ी नजर रखनी चाहिए कि क्या उन्होंने सिर्फ नौकरी और रोजगार पाने के लिए स्नातक किया है। जीवन में बिना असफलता के कड़ी मेहनत करके सफलता प्राप्त करनी चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि अगर शिक्षा में मूल्यों और नैतिकता को जोड़ा जाए तो छात्र बेहतर नागरिक बनेंगे।
सशस्त्र बलों को सशस्त्र बल कहा जाना चाहिए,न कि रक्षा बल:एयर मार्शल
सेवानिवृत्त एयर मार्शल भूषण गोखले ने कहा कि भारतीय सेना को एक रक्षा बल के बजाय एक सशस्त्र बल कहना उचित था। उन्होंने कहा कि रक्षा शब्द रक्षात्मक पवित्रता का प्रतीक है जबकि सशस्त्र बल आत्मविश्वास का निर्माण करता है। उन्होंने कहा कि एक फाइटर पायलट की तरह युवाओं के लक्ष्य ऊंचे होने चाहिए लेकिन उन्हें अपने पैर जमीन पर मजबूती से रखने चाहिए क्योंकि वे उस समाज के लिए काम करना चाहते हैं जिसने उन्हें बड़ा बनाया है। श्री बालाजी विश्वविद्यालय के 22,000 पूर्व छात्र दुनिया भर में विभिन्न स्थानों पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। कुलपति डॉ.जीके शिरुडे ने विश्वविद्यालय की रिपोर्ट पेश की। इस अवसर पर वर्ष 2019-21 की टुकड़ी के स्नातकों को डिग्रियां प्रदान की गईं और मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।