Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पिछले कुछ दिनों में पुणे जिले में डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। पिछले साल की तुलना में इस साल पुणे में डेंगू,टाइफाइड,चिकनगुनिया और पीलिया के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। लक्षणों में बुखार,दस्त,उल्टी,सिरदर्द और गठिया शामिल हैं। पिछले दो सप्ताह में इन रोगियों में औसतन 7 से 10 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
अचानक क्यों बढ़े डेंगू,चिकनगुनिया के मरीज?
पिछले साल लॉकडाउन के दौरान लोगों ने बाहर खाना बंद कर दिया था। पिछले साल बारिश के मौसम में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर लॉकडाउन अवधि के दौरान इसमें ज्यादा छूट नहीं थी। नतीजतन लोगों के पास बाहरी गतिविधियां कम थीं। इस वजह से वायरल बीमारियों के मामले पिछले साल की तुलना में पिछले साल कम रहे। लेकिन अब जब यह अनलॉक हो गया है तो लोगों ने एक बार फिर से स्ट्रीट फूड और जंक फूड खाना शुरू कर दिया है। इसका असर अब सेहत पर पड़ने लगा है। परिणाम स्वरुप बीमारियों की घटनाएं बढ़ रही हैं।
लगातार बढ़ रहे रोगी मरीज
जुलाई में पुणे में डेंगू के 107 संदिग्ध मरीज मिले थे। इनमें से 86 डेंगू से संक्रमित पाए गए। इसके अलावा अगस्त में अब तक डेंगू के 87 संदिग्ध मरीज मिले हैं। इनमें से 18 डेंगू से संक्रमित हो चुके हैं। इसके अलावा कई का इलाज निजी अस्पतालों में डेंगू जैसी बीमारियों के लिए किया जा रहा है। संदिग्ध मरीजों की संख्या भी सैकड़ों में है। जनवरी से अब तक पुणे में स्वाइन फ्लू के 65 मामले चिकनगुनिया के 84 मामले,डेंगू के 135 मामले और मलेरिया के 2 मामले सामने आए हैं। इससे एक तरफ कोरोना उपायों में लगी स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव बढ़ गया है।
प्रशासन की ओर से क्या उपाय?
स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया है कि डेंगू या चिकनगुनिया जैसे लक्षणों वाले व्यक्ति का तुरंत निदान किया जाए। साथ ही उन क्षेत्रों के लिए विशेष स्वच्छता निर्देश जारी किए गए हैं जहां मच्छर पनप सकते हैं। मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करने के लिए जलाशय क्षेत्र में गप्पियों को छोड़ा जाना चाहिए। नागरिकों से भी आग्रह किया जाता है कि वे साफ-सफाई रखें और कोई लक्षण पाए जाने पर डॉक्टर से सलाह लें।
जीका वायरस के कारण बेलसर गांव में उपाय
जीका वायरस का पहला मामला पुणे जिले के पुरंदर तहसील के बेलसर गांव में पाया गया था। इसके बाद से प्रशासन सतर्क हो गया है और विभिन्न उपायों को लागू करना शुरू कर दिया है। पुरुषों के वीर्य में जीका वायरस पाए जाने के कारण बेलसर गांव में गर्भधारण और सुरक्षित संभोग को रोकने के लिए पुरुषों को गर्भ निरोधकों का वितरण किया जा रहा है। वहीं ग्राम पंचायत की ओर से भोंगगड़ी के माध्यम से एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। पूरे गांव में धुआं फैल रहा है। गांव की 24 गर्भवती महिलाओं को मच्छरदानी और मच्छर भगाने वाला मरहम दिया गया है। महिलाओं के ब्लड सैंपल की भी जांच की जा रही है। गांव में कई तरह के एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
क्या ख्याल रखना है?
निजी अस्पतालों में वायरल रोगों के मरीजों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। डॉक्टरों का कहना है कि बारिश में पानी जमा होने से मच्छर पनपते हैं और यही बीमारी फैलने का कारण है। डॉक्टर ने कहा कि यदि समय पर निदान किया जाता है,तो रोगी को उचित उपचार से ठीक किया जा सकता है,इसलिए बुखार के मामले में,अंग को हटाए बिना समय पर परीक्षण करवाना आवश्यक है।
मच्छरों की उत्पत्ति नष्ट और बचाव
बरसात के मौसम में पानी जमा होने के कारण उसमें मच्छर पनपते हैं। इससे डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलती हैं। इसलिए जरूरी है कि मच्छरों की उत्पत्ति के स्थान का पता लगाया जाए और उन्हें नष्ट किया जाए। घर के उस क्षेत्र, गमले,पोखर,टायर,पाइप या जहां मच्छरों के पनपने की संभावना हो वहां पानी जमा न होने दें। घर में सभी बर्तन रखकर सप्ताह में एक दिन सूखा दिन रखें। बड़े टैंकों,पोखरों में मच्छर भगाने वाले का छिड़काव करें। घर के आसपास पानी जमा न करें। मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर में काम करते समय पूरी लंबाई के कपड़े पहनें। जलवायु परिवर्तन ने छोटे बच्चों में वायरल बुखार की घटनाओं को भी बढ़ा दिया है। इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। अचानक बुखार आना,सिर दर्द,बदन दर्द,जोड़ों में दर्द,आंखों में दर्द डेंगू के लक्षण हैं। इसके अलावा डेंगू कभी-कभी रक्तस्राव का कारण बन सकता है। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें और जांच कराएं। कोरोना पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। इसलिए बुखार होने पर डॉक्टर से मिलें और जरूरी जांच कराएं।