Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण(पीएमआरडीए) द्वारा जारी विकास योजना के मसौदे में ग्रामीण गांवों की सीमाओं के भीतर आरक्षण दिया गया है। जिला परिषद की आम सभा की बैठक में बहुमत से एक प्रस्ताव पारित किया गया है कि इन सभी आरक्षणों को रद्द कर दिया जाना चाहिए क्योंकि सभी ग्राम पंचायतों को ग्रामीण सीमा का अधिकार है। इस बीच पीएमआरडीए ने मौजूदा भूमि उपयोग (ईएलयू) का उपयोग किए बिना एक मसौदा योजना प्रकाशित की है।
पीएमआरडीए द्वारा 2 अगस्त को जारी की गई विकास योजना सार्वजनिक कार्यों के लिए कोई जगह नहीं छोड़ती है। ग्रीन बेल्ट,वनीकरण आरक्षण आवासीय क्षेत्र में रखा गया है जहां नागरिक वर्षों से रह रहे हैं। साथ ही जहां हरित पट्टी,वनरोपण, औद्योगिक क्षेत्र का आरक्षण किया गया है। पीएमआरडीए के अधिकारियों ने बिना पढ़े ही गलत तरीके से आरक्षण दे दिया है। इसलिए इन आरक्षणों के खिलाफ जिला परिषद की आम सभा की बैठक में एक प्रस्ताव पेश किया गया था। इन आरक्षणों को रद्द करने का निर्णय बहुमत से पारित किया गया था इस बीच सदस्यों ने इस संबंध में उपमुख्यमंत्री और जिला संरक्षक मंत्री अजीत पवार के साथ पीएमआरडीए अधिकारियों की बैठक की मांग की। इस मौके पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आयुष प्रसाद और उपाध्यक्ष रंजीत शिवतारे ने बैठक करने का वादा किया।
पीएमआरडीए ने बिना ईएलयू के ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इसलिए गांवों में आरक्षण किया गया है क्योंकि वर्तमान भूमि उपयोग को ध्यान में नहीं रखा गया है। जिला परिषद द्वारा पारित प्रस्ताव सही है। क्या इस डिज़ाइन में ईएलयू शामिल है या कैसे? यह मामला सामने आना चाहिए। मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग कमेटी का फैसला नहीं हुआ है। समिति के समक्ष आपत्तियां, सुझाव अवश्य दर्ज करायें। इस सब को देखते हुए मसौदा कानूनी पचड़े में पड़ने की संभावना है।