Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) जगतगुरु शंकराचार्य विद्या नृसिंह भारती स्वामी (करवीर पीठ) चतु़श्रृंगी देवी मंदिर के जीर्णोद्धार और परिसर के परिवर्तन की परियोजना का भूमि पूजन करेंगे। चतुरश्रृंगी देवस्थान के अध्यक्ष नितिन अंगल और कार्यकारी न्यासी हेमंत अंगल ने आज प्रेस वार्ता में ऐसी जानकारी दी।
परियोजना को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में मुख्य मंदिर, सभामंडप, आसपास का क्षेत्र और कलश शामिल होंगे। इस पर 3.5 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह करीब डेढ़ साल में बनकर तैयार हो जाएगा। करीब 6,700 वर्ग फुट में नया निर्माण होगा। मंदिर में देवी के स्थल को नहीं बदला जाएगा। सभागार छह फीट चौड़ा होगा। पुरातत्व विभाग के अनुसार मंदिर की पुरानी मराठा शैली या पेशवा शैली बनी रहेगी। कार्य की योजना इस प्रकार बनाई जाएगी कि निर्माण के दौरान श्रद्धालुओं को असुविधा न हो। नवरात्र के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है।
दूसरे चरण में गणपति मंदिर,आसपास के क्षेत्र का सौंदर्यीकरण,झरना,उद्यान,ध्यान मंदिर,जबकि तीसरे चरण में सांस्कृतिक कार्यालय,नया कार्यालय भवन,स्लाइडिंग सीढ़ियां शामिल होंगी। पूरी परियोजना पर लगभग 12 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है,और भक्तों से उदारतापूर्वक दान करने का आग्रह किया जाता है।
देवी चतु़श्रृंगी का मंदिर पेशवा काल की है। सप्तश्रृंगी के परमभक्त पेशवा के साहूकार दुर्लभशेठ की आयु के कारण,वानी, नासिक में दर्शन के लिए जाना असंभव हो गया। तब देवी ने दर्शन देकर इस स्थान की खुदाई करने को कहा। चार पर्वतों के बीच में होने के कारण इस देवी का नाम चतु़श्रृंगी पड़ा। बाद में मंदिर को दुर्लभशेठ के पोते द्वारा रखरखाव के लिए दस्तगीर गोसावी को सौंप दिया गया था। 1820 में,वह एक अलग परिवार में चले गए। अंगल लोगों ने मंदिर के आसपास 16 एकड़ जमीन खरीदी। नवरात्रि में बड़ी यात्रा होती है। दूरदराज से श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं।