Pune (व्हीएसआरएस न्यूज) पुलिस की जांच में सामने आया है कि बिहार के पटना में एक ट्रेनिंग सेंटर है,जो ऑनलाइन पेपर खोलने का प्रशिक्षण देता है। क्या शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में गिरफ्तार किए गए लोगों में से किसी को प्रशिक्षित किया गया है? सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में भी जांच की जा रही है। जांच से पता चला है कि कुछ आरोपियों के भारत में विभिन्न परीक्षाओं से संबंध हैं और उनमें से कुछ पिछले 15 वर्षों से सक्रिय प्रतिभागी हैं।
ये कुछ लक्ष्य निर्धारण शेयरवेयर हैं जिनका आप उपयोग कर सकते हैं
ब्राउज़र बेस परीक्षा आयोजित करने वाली एक निजी एजेंसी द्वारा कुछ घंटे पहले प्रश्न पत्र सर्वर पर अपलोड कर दिए जाते हैं।
परीक्षा से कुछ घंटे पहले पेपर तोड़ने वाली टीम द्वारा उसके प्रोग्रामिंग कोड को तोड़कर प्रश्न पत्र निकाला जाता है।
परीक्षा केंद्र पर कंप्यूटर से छेड़छाड़,लैन कनेक्शन हटाकर जवाब दिए जाते हैं।
किसी विशेष सीट संख्या की उत्तर पुस्तिकाओं में उत्तर परीक्षा एजेंसी द्वारा सेंट्रल कमांड कोड और एक के स्वामित्व वाले परीक्षा केंद्र या किसी अन्य परीक्षा केंद्र की मिलीभगत से बदलकर सीधे ऑनलाइन किए जाते हैं।
इसका उम्मीदवार द्वारा चुने गए उत्तरों से कोई लेना-देना नहीं है।
उम्मीदवार पेपर हल करने का नाटक करता है।
फर्जी उम्मीदवार द्वारा परीक्षा
ऐसे उपाय करने चाहिए
पेपर टूटने की घटना को रोकने के लिए परीक्षाएं सरकार द्वारा आयोजित की जानी चाहिए न कि किसी निजी कंपनी द्वारा। जिस विभाग से परीक्षा हो उस विभाग के जिला शासन निकाय द्वारा परीक्षा कराई जानी चाहिए, परीक्षा के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग,सीसीटीवी की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। कुछ वर्षों के लिए परीक्षा डेटा सरकार के पास रखा जाना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि परीक्षा पत्रों की छपाई,परीक्षा आयोजित करने,उत्तर पुस्तिकाओं के संकलन और परीक्षा पत्रों के कम्प्यूटरीकरण के लिए सरकार को उपाय सुझाए गए हैं।