पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) दो साल पहले मूसलाधार बारिश और पवना बांध से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण शांतिनगर,इंदिरानगर और भारतनगर की मलिन बस्तियों में बाढ़ का पानी भर गया था। इसमें काफी नुकसान हुआ। इस वर्ष भी बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पालिका बाढ़ रेखा के अंतर्गत आने वाले 800 परिवारों को स्थानांतरित करने का प्रयास कर रहा है। पिछले कुछ सालों से नदियों के मुहल्लों में बाढ़ का पानी भर रहा है। दो साल पहले पवना बांध से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया था और मुला नदी उफान पर थी। मूसलाधार बारिश के कारण मुला नदी बहने लगी और शांतिनगर,इंदिरानगर और भारतनगर की मलिन बस्तियों में पानी भर गया। येरवडा क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा नागरिकों को समय पर निकालने से बड़ी संख्या में हताहत होने से बचा जा सका। नगर पालिका ने 500 से अधिक परिवारों को पास के स्कूलों में स्थानांतरित कर दिया था। हालांकि,बाढ़ के पानी ने सैकड़ों परिवारों की आजीविका को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया था।
इसलिए बाढ़ रेखा में घर बनाने वाले परिवारों को हर साल बरसात के मौसम में बाढ़ की मार का सामना करना पड़ रहा है। पिछले सप्ताह गुरुवार और शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश के चलते पालिका के अधिकारियों ने आधी रात को नदी तट का निरीक्षण किया और बाढ़ की आशंका को देखते हुए झुग्गीवासियों को अपने घरों को खाली करने का निर्देश दिया।
काम पूरा होने के बाद तत्काल पुनर्वास
शांतिनगर में करीब 800,इंदिरानगर में 450,भरतनगर में 250 और भारतनगर में 100 झोपड़ियां बनाई गई हैं। मूसलाधार बारिश और बांध से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ का पानी इन मलिन बस्तियों में घुसपैठ करता है। नतीजतन हर साल सैकड़ों परिवारों को बाढ़ का खतरा होता है। इसलिए दो साल पहले पालिका ने तत्कालीन आयुक्त सौरभ राव से एसआरए में झुग्गी बस्तियों के पुनर्वास की मांग की। शांतिनगर में एसआरए योजना के तहत बड़े भवनों पर काम पूरा कर लिया गया है।
निर्माण कार्य पूरा होने के बाद सप्लाई लाइन में झोंपड़ियों के पुनर्वास को प्राथमिकता दी जाएगी,नगरसेवक डॉ.सिद्धार्थ ढेंडे द्वारा प्रस्तुत किया गया। बांध से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ने के बाद,बाढ़ का पानी मुला नदी के किनारे शांतिनगर,भारतनगर और इंदिरानगर की मलिन बस्तियों में घुसपैठ करता है। कम समय में अधिक बारिश होने के कारण इस साल फिर से मलिन बस्तियों में बाढ़ आने की संभावना है। पिंपरी चिंचवड शहर के क्षेत्र में पवना नदी किनारे भी कई झुग्गी बस्तियां और अवैध मकान बनाए गए हैं जो बाढ की चपेट में आते है। पवना बांध से पानी छोडे जाने के बाद नदी किनारे की झुग्गियों में पानी घुस जाता है। हर साल सुरक्षित जगह पर स्थनांतरण की नौबत आती है। दोनों मनपाओं की ओर से पवना नदी समेत अन्य नदियों के किनारे बसे लोगों को अलर्ट करते हुए सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट होने की सलाह दी गई है।