Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) आगामी मनपा चुनाव को देखते हुए पुणे पालिका ने पीएमपीएमएल के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर दी है। आखिरकार 11,000 पीएमपी कर्मचारियों के लिए 7 वां वेतन आयोग स्वीकृत हो गया है, जिसके अनुसार पुणे पालिका प्रति माह 6 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा,जबकि पिंपरी-चिंचवड़ पालिका 4 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। अगले पांच वर्षों में इन कर्मचारियों को वेतन वृद्धि में अंतर दिया जाएगा, परिसंचरण घाटे के कारण होने वाले व्यय का भुगतान वर्ष 2013-14 में पालिका के स्वामित्व (60 प्रतिशत) के अनुसार पीएमपीएमएल को किया जाता है। तदनुसार,पिछले वित्तीय वर्ष के परिचालन घाटे का भुगतान पीएमपीएमएल को इस वर्ष 20 करोड़ रुपये प्रति माह की दर से किया जा रहा है। इससे भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। पुणे पालिका से 88 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि की मांग की गई ताकि संचालन बाधित न हो।
दूसरी ओर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) ने पुणे में प्रदूषित नदी पर 90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। पालिका इस राशि की प्रतिपूर्ति पुणे के नागरिकों द्वारा भुगतान किए गए करों से करेगा। नतीजा यह सामने आया है कि पुनेकरों के टैक्स का पैसा पालिका द्वारा सीवेज से पैदा होने वाले प्रदूषण की बर्बादी के तौर पर खर्च किया जाएगा। नदी प्रदूषण के लिए जिम्मेदार शहर में घरेलू और व्यावसायिक उपयोग के लिए पानी बिना किसी उपचार के सीधे नदी में बहा दिया जाता है। इस पानी ने प्रदूषण का स्तर बढ़ा दिया है। नदी में बढ़ता प्रदूषण नागरिकों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। नदी में जलकुंभी की संख्या बढ़ रही है। शहर का लगभग 40 प्रतिशत पानी बिना किसी उपचार के नदी में बहा दिया जाता है।
महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) ने अप्रैल 2021 से हर महीने 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और इस राशि को पालिका के खाते से बोर्ड को हस्तांतरित करने के लिए शहरी विकास विभाग को पत्र भी दिया है। इस बीच अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 तक नौ महीने की अवधि के दौरान पुणे मनपा पर 10 लाख रुपये प्रति माह के हिसाब से 90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है और जुर्माना लगाया जाता रहेगा।