Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) खड़कवासला श्रृंखला के चार प्रमुख बांधों में केवल 3.24 बिलियन क्यूबिक फीट (टीएमसी) पानी बचा है। इस साल भीषण गर्मी के कारण पीने के पानी की बढ़ती मांग,पानी के वाष्पीकरण, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक अतिरिक्त चक्र,साथ ही जून के पहले चरण में बारिश नहीं होने से जलसंकट और कटौति की समस्या नागरिकों को झेलनी पड़ सकती है।
पिछले साल मानसून खत्म होने के बाद भी मासिक बारिश और मई में चक्रवाती बारिश के कारण बांधों में पिछले साल 2021 में 7.84 टीएमसी पानी जमा था। बांधों के जलग्रहण क्षेत्र में 2020 और 2019 में अक्टूबर के अंत तक भारी बारिश हो रही थी। इसलिए नवंबर के पहले सप्ताह तक बांध पूरी तरह से भर गया था। तो 2020 में यह 5.81 थी, जबकि 2019 में यह तीन टीएमसी से ज्यादा थी।
नतीजा यह रहा कि 2019 और 2020 में जल संसाधन विभाग शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचुर मात्रा में पानी की आपूर्ति करने में सफल रहा। वर्ष 2019 में ’प्रकृति’ और वर्ष 2020 में चक्रवात ’तौकते’ के कारण बांधों के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश हुई। जल संसाधन विभाग ने कहा कि इससे जून के पहले सप्ताह के दौरान बांधों में पानी का भंडारण ज्यादा कम नहीं हुआ,जब मानसून की बारिश सक्रिय हो गई। इस बीच जून 2016 के मध्य के बाद भी मानसून नहीं आया।
उस समय बांधों में केवल दो टीएमसी पानी था। इसलिए पालिका प्रशासन और जल संसाधन विभाग दो दिन से शहर में जलापूर्ति की जांच कर रहे थे। दरअसल वह समय नहीं आया है। 14 जून,2017 तक मानसूनी बारिश सक्रिय नहीं थी। इसलिए 21 जून तक खडकवासला बांध श्रृंखला में 2.86 टीएमसी जल संग्रहण था। जल संसाधन विभाग के अनुसार, जब 2018 में मानसून की बारिश सक्रिय हुई, तो बांधों में तीन टीएमसी से अधिक जल संग्रहण था।
टीएमसी में- तीन साल 22 जून को जलापूर्ति
2022 3.24
2021 7.84
2020 5.81
2019 3.00
2018 3.15
2017 2.86