Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे जिले में कोरोना के कारण अपने माता-पिता दोनों को खोने वाले 106 बच्चों को सोमवार (30) को प्रधानमंत्री देखभाल कोष योजना का लाभ दिया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन अनाथों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की।
इस योजना के माध्यम से इन बच्चों की सभी शिक्षा नि:शुल्क प्रदान की जाएगी। साथ ही 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर उन्हें एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इन सभी बच्चों को कलेक्टर डॉ.राजेश देशमुख ने सोमवार को पीएम केयर योजना के लाभ किट बांटे। किट में 10 लाख रुपये के लाभ के लिए पोस्ट ऑफिस पासबुक,बच्चों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सांत्वना पत्र, 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज के लिए आजीवन भारत की योजना,प्रधान मंत्री द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र और एक पत्र शामिल है।राजेश देशमुख आदि द्वारा हस्ताक्षरित पत्र।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश में कोरोना से अनाथ हुए सभी बच्चों से बातचीत की। इस बार उन्होंने पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत दिए जाने वाले लाभों की घोषणा की। प्रधान मंत्री मोदी ने आश्वासन दिया कि सभी अनाथों को उनके सपनों को पूरा करने में मदद की जाएगी। इस कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने ऑनलाइन भाग लिया। कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले पुणे जिले के 106 बच्चों ने जिला कलेक्टर कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लिया था।
इस समय कलेक्टर कार्यालय से कलेक्टर डॉ. देशमुख के साथ रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर हिम्मत खराडे, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी अश्विनी कांबले, बच्चों के वर्तमान माता-पिता, रिश्तेदार, बाल कल्याण समिति के सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य ऑनलाइन मौजूद थे।
अनाथों को प्रधानमंत्री मोदी का सलाम
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की शुरुआत में उन्होंने कहा कि महामारी के दर्दनाक परिणामों का सामना करने के लिए हम सभी आपको सलाम करते हैं। पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन के जरिए देश अपनी जिम्मेदारी निभाने की कोशिश कर रहा है। निराशा के उदास वातावरण में भी यदि हम स्वयं पर विश्वास करें तो प्रकाश की किरण अवश्य ही दिखाई देती है। निराशा को हार में न बदलने दें। अपने बड़ों और शिक्षकों की सुनें इस कठिन समय में अच्छी किताबें पढ़ें, किताबें आपकी सबसे विश्वसनीय दोस्त हो सकती हैं, प्रधानमंत्री ने भी इन बच्चों को सलाह दी।