Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे मनपा के 16 हजार कर्मचारियों के लिए सातवां वेतन आयोग लागू किया गया है। नवंबर से बैंक खाते में वेतन जमा होने के बाद सभी राजनीतिक दल बढ़े हुए वेतन का श्रेय लेने के लिए आगे आए। अधिकारियों की भी सराहना की। लेकिन इन कर्मचारियों को 2016 से 2021 तक पांच साल के लिए अंतर राशि दी जाएगी। लेकिन प्रशासन अभी तक यह गणना नहीं कर पाया है कि किस कर्मचारी से कितना अंतर है। 190 बिलों में से 30 बिल ही पूरे हुए हैं। तो क्या हमारी दिवाली मीठी,प्यारी होगी? ऐसा सवाल कर्मचारियों द्वारा उठाया जा रहा है।
5 साल के अंतर का भुगतान 5 किस्तों में होगा
सातवां वेतन आयोग केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू किया गया था। उसके बाद पालिका के कर्मचारियों और अधिकारियों ने पुणे पालिका में भी सातवें वेतन आयोग को लागू करने का प्रयास किया। इसके लिए हजारों कर्मचारियों ने पालिका के सामने धरना भी दिया। उसके बाद नवंबर 2021 में पालिका के कर्मचारियों के लिए 2016 से सातवां वेतन लागू किया गया। अप्रैल 2016 से अक्टूबर 2021 तक के पांच साल के अंतर का भुगतान पांच किस्तों में किया जाएगा। 2016 के लिए अंतर की पहली किस्त जुलाई के महीने में मिलने की उम्मीद है। लेकिन यह काम धीमी गति से चल रहा है, इसलिए बिलों का समाधान नहीं हो पाया है।
2016-2021 तक के वेतना अंतर राशि मिलना बाकी
विभिन्न विभागों के लेखाकार कर्मचारी के मूल वेतन, 2016 से 2021 तक उसे दी जाने वाली वेतन वृद्धि, कई स्तरों पर पदोन्नति की जांच कर रहे हैं। इसके लिए साफ्टवेयर तैयार कर लिया गया है। हालांकि इसमें त्रुटियों के कारण काम में तेजी लाने के बजाय कर्मचारियों का सिरदर्द बढ़ता ही जा रहा है। वित्त एवं लेखा विभाग ने इस काम को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए तीन से चार पत्र कंप्यूटर विभाग को भेजे हैं। लेकिन अंतर राशि को अंतिम रूप देने का काम तेज नहीं किया गया है। कंप्यूटर विभाग प्रशासनिक समस्याओं से भी जूझ रहा है।
एक लाख से अधिक की राशि
नगरपालिका कर्मचारियों के वेतन अंतर की राशि 1 लाख से 1.5 लाख प्रत्येक के बीच है। इतनी बड़ी राशि मिलने से कर्मचारियों को काफी फायदा होगा। इसके लिए पालिका को करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये की जरूरत होगी। इसलिए 2022 में पहली किस्त चुकाने के बाद आखिरी किस्त लेने के लिए हमें 2027 तक इंतजार करना होगा। नगर पालिका प्रशासन द्वारा बजट में समय पर प्रावधान नहीं करने से कर्मचारियों को भी परेशानी होगी।
कंप्युटर विभाग अंतर बिलों को निकालने में जुटा
यह जानते हुए भी कि सातवां वेतन आयोग 2016 से लागू होना था, प्रशासन ने बजट में प्रावधान नहीं किया। पांच साल का अंतर दो किस्तों में मिलना था,लेकिन इसके लिए पांच साल इंतजार करना होगा। कम से कम पहली किश्त दीवाली से पहले दे दी जाए। प्रत्येक कर्मचारी के वेतन अंतर की गणना के लिए सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है। लेकिन इस काम को करने में आ रही दिक्कतों के कारण काम धीमा था। अब तक 30 बिल पूरे हो चुके हैं। हम इस काम को अगले एक या दो सप्ताह में पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसा कंप्युटर विभाग के सहायक आयुक्त राहुल जगताप ने बताया। सभी बिलों की जांच किए बिना अंतर का भुगतान करना संभव नहीं है। बिल में जरूरी संशोधन किए जा रहे हैं। अंतर जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।’