Pimpri पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) कोरोना संक्रमण का खतरा अभी काम नहीं हुआ लेकिन लोगों में कोरोना का खौफ काम होता नजर आ रहा है। इसी वजह से शहर में बेखौफ होकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इसके लिए कहीं न कहीं पुलिस और पालिका प्रशासन भी जिम्मेदार है।आये दिन शहर में विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों द्धारा विरोध प्रदर्शन और आंदोलन शुरू है। भाई चुनावी मौसम जो आ गया है। लेकिन आंदोलन और प्रदर्शन में ज्यादातर राजनेता और कार्यकर्ता बिना मास्क देखे जाते है। और प्रशासन भी ऐसे राजनेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं करती।बस पुलिस तमाशगिर बनी रहती है।
अगर आम जनता बाजारों,चौराहों पर बिना मास्क घूमते फिरते नजर आए तो पालिका और पुलिस के लोग जुर्माना वसूलते है। लेकिन राजनीतिक दल अगर आंदोलन करते हैं और उनके सैकडों कार्यकर्ता बिना मास्क के रहते हैं तो वहीं बंदोबस्त में खडी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। मतलब जनता की लूट और नेताओं को छूट।
कुछ दिन पहले भाजपा,शिवसेना और राष्ट्रवादी की ओर आंदोलन किया गया। भीड़ जुटाकर प्रदर्शन किया गया। अंदोलन चाहे लोगों के हित के लिए हो लेकिन कोरोना संक्रमण के खतरे पर भी ध्यान देना जरुरी है लेकिन ऐसा होता नहीं है।पुलिस प्रशासन ऐसे राजनेताओं को नियम सीखाने के बाजय बचाव की भूमिका में रहती है। यही कारण है कि नेताओं के हौसले बुलंद हैं और अपने हर आंदोलन में कोरोना नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे है। आज फिर बड़ी संख्या में राष्ट्रवादी ने अंदोलन कर भीड़ जुटाई और फिर कई कार्यकर्ताओं को बिना मास्क के देखा गया। सवाल है कि क्या अब पुलिस प्रशासन ऐसे नियम तोड बहादुरों पर कार्रवाई करेगी या पहले की तरह अनदेखी की भूमिका में नजर आएगी? पुलिस के इस दोहरे रवैया से जनता में आक्रोश है कि नेताओं,कार्यकर्ताओं के लिए एक नियम और आम जनता के लिए दूसरे नियम के तहत पुलिस काम कर रही है। क्या पिंपरी चिंचवड शहर के पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश इस ओर ध्यान देंगे? या फिर ऐसा ही चलता रहेगा?