Pimpri पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय सीमा में और बढ़ोतरी होने की संभावना है। पिंपरी चिंचवड़ पुलिस कमिश्नरेट सीधे लोनावला पहुंचेगा। पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने पुलिस महानिदेशक को पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय में वडगांव मावल,कामशेत,लोनावला ग्रामीण और लोनावला शहर के थानों को शामिल करने का प्रस्ताव भेजा है। आयुक्त द्वारा प्रस्ताव भेजने के बाद महानिदेशक ने पुणे ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक को संबंधित थाने की सीमा के भीतर ग्राम पंचायतों से फीडबैक लेने को कहा है। पुलिस अधीक्षक को वडगांव मावल,कामशेत,लोनावला ग्रामीण और लोनावला सिटी थाने की ग्राम सभा में फैसला लेने को कहा गया है। पुणे पुलिस कमिश्नरेट में पिंपरी,चिंचवड़,निगडी,भोसरी,एमआईडीसी भोसरी,दिघी,सांगवी,वाकड,हिंजवडी पुलिस ठाणे और पुणे ग्रामीण में देहुरोड,तलेगांव दाभाडे,तलेगांव एमआईडीसी,अलंदी और चाकण पुलिस थानों को स्वतंत्र रूप से अंजाम दिया गया। उसके बाद नए सिरे से चिखली थाना शुरू किया गया।
पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय में पुलिस थानों और जनशक्ति की संख्या बढ़ाने के लिए पहले पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्त आर के पद्मनाभन ने सरकार को अलग-अलग चौकियों को चाकण पुलिस स्टेशन से महलुंगे,देहुरोड पुलिस स्टेशन को रावेत और तलेगांव में बदलने का प्रस्ताव भेजा था। तलेगांव दाभाडे थाना से शिरगांव एक अन्य पुलिस आयुक्त संदीप बिश्नोई ने भी इसका अनुसरण किया 4 जनवरी 2021 को कैबिनेट की बैठक में इन थानों को मंजूरी दी गई है। अगले प्रशासनिक हैंडओवर के बाद ये चौकियां पुलिस थानों के रूप में काम करेंगी।
इस बीच शहर के तीसरे पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने महानिदेशक को पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था। कहा गया कि ग्रामीण पुणे के वडगांव मावल,कामशेत,लोनावला ग्रामीण और लोनावला शहर पुलिस थानों को पिंपरी चिंचवड़ पुलिस कमिश्नरेट में शामिल किया जाएगा। प्रस्ताव पर अब कार्रवाई शुरू कर दी गई है और वडगांव मावल,कामशेत, लोनावला ग्रामीण और लोनावला सिटी थाना क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों को ग्राम सभा में निर्णय लेने को कहा गया है। ग्राम पंचायत से मंजूरी मिलने पर इन चारों थानों को पिंपरी चिंचवड़ पुलिस कमिश्नरेट में शामिल किया जाएगा। प्रारंभ में ग्रामीण पुणे के पांच थाने पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय में शामिल किया गया था। इसके बाद से चार और थानों को जोड़ने का प्रस्ताव भेजा गया है। इसलिए ग्रामीण पुलिस का दायरा और महत्व कम नहीं होगा बल्कि ग्रामीण पुलिस का वर्कलोड कम होगा।