Pimpri पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के अधिकारी-कर्मचारियों का तबादला युद्धस्तर पर हो रहा है। इनमें जूनियर इंजीनियर,स्टोर कीपर,असिस्टेंट स्टोर कीपर,मीटर इंस्पेक्टर,कंप्यूटर ऑपरेटर,लिपिक,मुख्य लिपिक,लिफ्टमैन आदि शामिल हैं। बांधकाम विभाग,स्थापत्य विभाग से अधिकारी,कर्मचारी का तबादला हुआ है। विरोधी पक्षनेता राजू मिसाल के स्वीय सहायक संजय राऊत की भी बदली हुई। लिपिकों की सबसे ज्यादा संख्या में स्थानांतरण हुआ है। इसमें से 79 लिपिक,44 मुख्य लिपिक का तबादला किया गया। 33 ज्यूनियर इंजीनियरों की बदली की गई।
तबादले का क्या है नियम?
हाईकोर्ट ने 2011 में दायर एक जनहित याचिका में पालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले के लिए व्यापक नीति तय करने का निर्देश दिया है। जिसके अनुसार पालिका ने समूह ए,बी,सी और डी श्रेणी के अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण के संबंध में दिनांक 13 फरवरी,2015 के एक परिपत्र के माध्यम से आदेश जारी किए हैं। समूह ए और बी के अधिकारियों के लिए एक ही विभाग में काम करने की अवधि आम तौर पर 3 साल होती है। इसलिए ग्रुप सी के कर्मचारियों के लिए एक विभाग में काम करने की अवधि आम तौर पर 6 साल होती है। तदनुसार हर साल अप्रैल और मई के महीनों में बड़ी संख्या में स्थानान्तरण किए जाते हैं। एक ही स्थान पर नियमित कार्यकाल पूरा करने वाले अधिकारी प्रतिस्थापन के लिए पात्र हैं। इस साल कोरोना महामारी ने तबादलों में देरी की। हालांकि नवनियुक्त आयुक्त ने बड़े पैमाने पर बदली करके सबको चौंका दिया है। मनपा में आयुक्त तबादलों का सफाई अभियान शुरु किया है। इससे भ्रष्टाचार की चैन टूटेगी।
किन पदों के कर्मचारियों का तबादला?
2 जुलाई को 18 लिफ्टमैनों के तबादले के बाद 11 जुलाई को 4 कार्यपालक अभियंता (वास्तुकला),27 उप अभियंता (वास्तुकला),4 कार्यपालक अभियंता (विद्युत),2 उप अभियंता (विद्युत) और 4 सहायक स्वास्थ्य अधिकारियों का तबादला कर दिया गया। तीन दिन पहले तबादलों में 32 जूनियर इंजीनियर,7 स्टोरकीपर,2 सहायक स्टोरकीपर,15 मीटर इंस्पेक्टर और 19 कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल हैं। स्थानान्तरित कर्मचारियों को तत्काल स्थानान्तरण स्थल पर रिपोर्ट करना का आदेश जारी किया गया है। यदि वे स्थानांतरण आदेश की अवज्ञा करते हैं और यदि वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष राजनीतिक दबाव द्वारा स्थानांतरण को रद्द करने का प्रयास करते हैं,तो इसे गोपनीय रिपोर्ट में दर्ज किया जाएगा। अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। ऐसी चेतावनी आयुक्त राजेश पाटिल ने दी है।
ट्रांसफर रुकाने के लिए राजनीतिक दबाव,पैसों का प्रलोभन
पालिका गलियारों से हवा में छनकर ऐसी बातें सुनने को मिली कि एक बांधकाम विभाग का अधिकारी अपना तबादला रुकाने के लिए 50 लाख रुपये का प्रलोभन दिया लेकिन बात नहीं बनी। क्योंकि आयुक्त ईमानदार छवि के है। उनके पास ऐसे ऑफर लेकर जाने की किसी ने हिम्मत नहीं जुटाई। एक लिफ्टमैन जो कई सालों से मनपा भवन में था और नगरसेवकों,विधायकों की चाटूकारी करने में अव्वल था उसने तबादले का ऑर्डर दो दिन तक नहीं लिया। वह वायसीएम से मेडिकल सर्टिफिकेट बनाकर एक विधायक की परिक्रमा करते नजर आया। विधायक महाराज ने आयुक्त को फोन भी किया मगर आयुक्त ने विधायक को फटकार लगाकर फोन रख दिया। तबादले से कई अधिकारी कर्मचारी दुखी नजर आए। क्योंकि कई सालों से एक जगह पर रहकर भ्रष्टाचार की फसल उगाते और काटते थे। एक स्वीय सहायक पिछले 16 सालों से तीसरे मंजला में डेरा डाले रहा। कभी सत्तारुढ नेता का स्वीय सहायक के रुप में कई सालों तक काम किया तो पिछले पांच सालों से विरोधी नेता के स्वीय सहायक बनकर काम करता रहा। अपने जुगाडूलाल की भूमिका से तीसरे मंजले पर कई सालों से राज किया। आखिरकार तबादले के सफाई अभियान में साफ हो गया।
तबादला रोकने के लिए दबाव लाने पर कार्रवाई
पिंपरी चिंचवड मनपा प्रशासन विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि तबादलों के लिए राजनीतिक दबाव लाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह कर्मचारियों की सेवा के नियमों और शर्तों में कहा गया है। कुछ लोग ट्रांसफर रुकाने के लिए विधायक,नेताओं के पास सिफारिश कराने जाते है। फोन कराते है,पत्र भेजते है। कुछ लोग तो मोटी रकम देकर ट्रांसफर रुकाने का भी जुगाड लगाते है। सार्थक लेन-देन की हमेशा हर जगह चर्चा होती रही है। इसलिए प्रशासन ने एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि अगर ट्रांसफर रुकाने के लिए कोई राजनीतिक दबाव लाता है या प्रलोभन दिखाता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।