Pimpri पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड शहर में 2017 से 2022 तक कितने मूर्ख बचे भाजपा आजमाने लगी है। चुनावी मौसम में भाजपा गाजर की खेती करने लगी है। पिछले दिनों मनपा की महासभा में प्राधिकरण के 1 लाख अवैध बांधकामों को मामूली शुल्क भरकर वैध करने का प्रस्ताव पारित हुआ। प्राधिकरण के लाखों मतदाताओं को गाजर दिखाकर खुश करने का फंडा अपनाया गया है। अगर अवैध बांधकाम मामूली शुल्क अदायगी से वैध हो सकता है तो फिर इतने सालों से प्रलंबित पिंपरी चिंचवड मनपा सीमा के लाखों अवैध बांधकाम वैध क्यों नहीं हो सका? आज भी शास्तीकर की नंगी तलवार निवासी धारकों पर लटकी है। इसी मुद्दे को लेकर विधायक लक्ष्मण जगताप राष्ट्रवादी कांग्रेस को राम राम कहकर भाजपा का दामन थामा। लेकिन आज तक अवैध बांधकामों का सौ फीसदी विवारण नहीं हो सका। अगर महासभा में प्रस्ताव पारित करके प्राधिकरण के लाखों अवैध बांधकाम वैध हो सकते हैं तो फिर पिछले साढे चार सालों से भाजपा मनपा सीमा वाले अवैध बांधकामों को इसी रास्ते पारित करवाकर वैध क्यों नहीं की? यह सब मूर्ख बनाने और झूठे आश्वासन का गाजर दिखाने का सियासी चाल है। हर चुनाव में मतदाता ऐसे ही प्रलोभनकारी वादों,आश्वासन में फंसकर अपनी समस्याओं को सुलझाने के बजाय और उलझा लेती है। फिर पांच साल सिर पर हाथ रखकर पछताती रहती है। अब पछताए होत है क्या जब चिडिया चुंग गई खेत…
पिछले हफ्ते पिंपरी चिंचवड़ पालिका की आम सभा की बैठक में सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा एक लगभग असंभव प्रस्ताव पारित किया। मामूली शुल्क वसूल कर प्राधिकरण का पालिका क्षेत्र में नए वर्गीकृत अनाधिकृत निर्माणों को अधिकृत करने का मामला है। सत्ताधारी भाजपा ने इस बात पर विचार किए बिना एक और गाजर दिखाने का फैसला किया है कि क्या प्राधिकरण प्रस्ताव को मंजूरी देकर पीड़ितों को सचमुच राहत दिलाएगी,या फिर गाजर दिखाने का काम करेगी यह सवाल है?
कई मीडिया आउटलेट्स ने बताया कि सत्तारूढ़ भाजपा का प्रस्ताव प्राधिकरण क्षेत्र में लगभग एक लाख अनधिकृत निर्माणों को अधिकृत करेगा। हालांकि यह आश्चर्य की बात है कि सत्तारूढ़ भाजपा पीड़ितों को आश्वस्त करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। लेकिन भाजपा के नेता,पदाधिकारी यह बताने का साहच नहीं दिखा रहे कि पालिका क्षेत्र में लगभग चार लाख अनधिकृत निर्माणों के लिए कोई राहत क्यों नहीं है?
जब पिंपरी-चिंचवड़ पालिका में राकांपा सत्ता में थी,तब शहर के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मणभाऊ जगताप और विधायक महेशदादा लांडगे,जो वर्तमान में सत्तारूढ़ भाजपा का नेतृत्व कर रहे हैं,ने शहर में अनाधिकृत निर्माणों का उपयोग करने के लिए भाजपा पर निशाना साधा था। राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद भी इन अनाधिकृत निर्माणों को आधिकारिक बनाने के लिए कुछ भी ठोस कदम नहीं उठाए। हालांकि बीजेपी के सामान्य तरीके से इस संबंध में कई खोखले ऐलान है। हम कैसे शहर के गरीबों के तारणहार हैं,यह दिखाने का प्रयास कर रहे है।
लक्ष्मणभाऊ जगताप और महेशदादा लांडगे,दोनों विधायक और उनके अनुयायी,वर्तमान में बड़े पैमाने पर गाजर की खेती कर रहे हैं। इसलिए बीजेपी नेता गाजर दिखाना,गाजर खिलाना,गाजर तोड़ना,गाजर देना जैसे ये सब हथकंडे आजमा रहे है। आने वाले पालिका निकाय चुनावों में सत्ता में आने का सपना देखने वाले इन भाजपा नेताओं की कोशिश रहेगी कि चुनाव तक मतदाता इनकी गाजर की खेती को याद रखें।
यह देखा जाना बाकी है कि क्या ये नेता वास्तव में कुछ स्थायी निर्णय लेना चाहते हैं। यदि शहर में अनधिकृत निर्माणों को अधिकृत करने का संकल्प लिया जा रहा है,तो महत्वपूर्ण बात यह है कि शहर में अनाधिकृत निर्माणों को नियमित करने का निर्णय उस समय क्यों नहीं किया गया जब भाजपा की राज्य में सत्ता थी। अब प्राधिकरण में अनाधिकृत निर्माणों के नियमितीकरण के विषय को स्वीकृति देते हुए उसी समय पालिका क्षेत्र वाले अवैध बांधकामों के बारे में भी एक प्रस्ताव पेश करके पारित क्यों नहीं करायी? क्या भाजपा की नजर में नवनवेली दुल्हन के सामने पुरानी दुल्हन सौतेली लगने लगी? सवाल बनेगा तो सवाल पूछा जाएगा,जनता पिछले पांच सालों का हिसाब और गाजर की खेती के अस्वाद के बारे में सवाल करेगी। पिंपरी चिंचवड शहर में अब कितने मूर्ख बचे भाजपा इसे भी आजमाने में लगी है।