Pimpri पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड शहर की सर्वप्रथम श्रीमती गोदावरी हिन्दी विद्यालय व महाविद्यालय का दसवीं बोर्ड का परिणाम 100% घोषित हुआ। कोरोना काल के विपरित परिस्थितियों को छात्रों ने मात देकर बेहतरीन प्रदर्शन किए। हलांकि इस वर्ष परीक्षा नहीं ली गई थी,बोर्ड के आदेशानुसार नौवीं का 50%,दसवीं के अंतर्गत मूल्यमापन के आधार पर रिजल्ट बोर्ड द्धारा घोषित किया गया। विद्यालय की प्राधानाचार्य कुसुम तिवारी ने सभी शिक्षक-शिक्षकेत्तर और चुतर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को उनके मिले सहयोग के लिए विशेष रुप से आभार प्रकट की है।
समीर सिंह 94.20% अंक पाकर टॉपर
श्रीमती गोदावरी विद्यालय में 94.20% अंक पाकर समीर सिंह टॉपर रहे। जबकि दूसरे स्थान पर विकास यादव 92.20% पाकर चमके। तृत्तीय सुरुचि प्रजापति 90%,चौथे स्थान पर संध्या कुशवाहा 88.20%,पांचवें स्थान पर अमन तिवारी 87.40% अंक पाकर अपने स्कुल का नाम रोशन किया। कुल 269 विद्यार्थी बोर्ड की परीक्षा में शामिल हुए। सभी उत्तीर्ण हुए।
गोदावरी विद्यालय टॉप 10 की सूची में
विद्यालय की प्राचार्या कुसुम तिवारी के कुशल मार्गदर्शन में और संस्थापक अध्यक्ष शिवशंकर तिवारी के मजबुत नेतृत्व में गोदावरी विद्यालय व कनिष्ठ महाविद्यालय पिछले कई सालों से गुणवत्ता,अनुशासन के दम पर पिंपरी चिंचवड शहर के अन्य टॉप 10 विद्यालयों की सूची में शामिल है। प्रधानाचार्य पद की कमान कुसुम तिवारी के हाथों में आने के बाद विद्यालय की रफ्तार और तेज हुई।
प्राचार्या कुसुम तिवारी का मिला कुशल मार्गदर्शन
उस समय लोगों की ऐेसी धारणा थी कि इतनी बडी जिम्मेदारी कुसुम तिवारी निभा पाएंगी या नहीं? लेकिन कुसुम तिवारी एक पढ़ी लिखी मजबुत इरादों वाली महिला है। पहाड़ जैसा अनुभव उनके पास है। दूरदृष्टि उनके पास है। शांत,मृद,मिलनसार स्वाभाव की धनी है। सभी शिक्षकों-शिक्षकेत्तरों को विश्वास में लेकर अपने प्रधानाचार्य पद के दायित्व को निभा रही है। कोरोना काल की विकट परिस्थितियों के बावजूद शिक्षा,गुणवत्ता,अनुशासन,डेव्हलपमेंट में कोई कसर बाकी नहीं रखीं। आज विद्यालय की भव्यतम,रंगरोगन से खूबसूरत इमारत देकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है। कुसुम तिवारी का मानना है कि प्रसन्न,सुंदर,शांत वातावरण में अगर छात्रों को शिक्षा दी जाए तो वे पढ़ाई में मन लगाते हैं,उनकी रुचि पैदा होती है। प्रसन्न वातावरण में अच्छे साकारात्मक विचार आते है।
संस्थापक अध्यक्ष शिवशंकर तिवारी ने पौधे को कल्पवृक्ष बनाया
1980 के दशक में स्व.तपस्वी रामेश्वरजी की आसीम कृपा से विद्यालय के लिए भूमि दान में मिली थी। स्व.हरिनाथ पांडेयजी ने मात्र दो कमरे से स्कूल की नींव रखी। भारतीय ज्ञानवर्धिनी सभा द्धारा संचालित विद्यालय को उस समय उत्तर भारतीय समाज के बुद्धिजीवियों ने आर्थिक सहयोग किया। अस्सी के दशक में उत्तर भारतीय समाज के बच्चों को पढ़ने के लिए हिन्दी स्कूल नहीं था। समय बीतते गया और इस संस्था की कमान शिवशंकर तिवारी के हाथों में सौंपी गई। शिवशंकर तिवारी एक उद्योजक है। कंपनी की तरह विद्यालय को भी प्रगति पथ पर ले जाने में जीजान से मेहनत की। इसके बाद विद्यालय की रफ्तार हर क्षेत्र में तेज हुई। भव्य इमारत का निर्माण हुआ,थेरगांव लक्ष्मणनगर में कांतीलाल खिंवसरा के नाम से दूसरी शाखा,लांडेवाडी में तीसरी शाखा का उद्गम हुआ। बीएड कॉलेज बना। सीबीएससी बोर्ड की योजना भविष्यकाल में है। इन विद्यालयों से पढकर निकले बच्चे आज मेडिकल,इंजीनियरिंग,शिक्षा,भारतीय सेना,उद्योगजगत क्षेत्र में अपनी सेवा दे रहे है। लेकिन उनके मन,मस्तिक में आज भी गोदावरी विद्यालय के प्रति अपरंपार प्रेम,लगाव,अमिट छाप बरकरार है। यह विद्यालय उत्तर भारतीय समाज की एक धरोहर है। आने वाली पीढी इसे संभालकर,संवारकर रखे,यही जन्मदाताओं और कर्मदाताओं,दानदाताओं के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।