Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) कोरेगांव भीमा क्षेत्र के पेरने फाटा में ऐतिहासिक स्तंभ वंदना कार्यक्रम शुरू हुआ है। भीम को बधाई देने के लिए सुबह तड़के से ही उनके अनुयायियों का तांता लगा रहा। कोरोना वायरस की पृष्ठभूमि में यह कार्यक्रम सावधानी से चलाया जा रहा है। चप्पे चप्पे पर पुलिस बंदोबस्त है। भक्तों के कोई असुविधा न हो इसका ध्यान रखा जा रहा है।
रविवार (1 जनवरी) को सुबह-सुबह धम्मयाचन, प्रातः भारतीय बौद्ध महासभा समुदाय बुद्ध वंदना। इसके बाद उपस्थित गणमान्य लोगों ने बधाई दी। समता सैनिक दल, महार बटालियन के सेवानिवृत्त जवानों ने सलामी व सलामी दी। प्रात: आठ बजे के बाद सभी अनुयायिओं के अभिनंदन के लिए अभिवादन स्थल खोल दिया गया। राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, जिला परिषद विभाग, लोक निर्माण विभाग, पीएमपी, राज्य परिवहन निगम, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, राज्य आबकारी विभाग, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (बीएआरटीआई), समाज कल्याण आयुक्तालय, महावितरण, स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन सहित विभिन्न विभागों द्वारा योजना बनाई गई है। सरकार की ओर से इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन के सह्याद्री चैनल पर सुबह छह बजे से पूरे दिन किया जाएगा।
चंद्रकांत पाटिल अपने निवास स्थान से विजय स्तंभ को सलामी दी
पुणे के पालक मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने घर से विजय स्तम्भ को बधाई दी। वह कोरेगांव भीमा आकर विजय स्तंभ को सलामी देना चाहते थे। लेकिन, कुछ ने फिर से स्याही फेंकने की धमकी दी है। मैं इन धमकियों से डरने वाला नहीं हूं। लेकिन कुछ की छिपी हुई इच्छा है कि इस तरह की घटना से दंगा भड़काकर कानून व्यवस्था की समस्या पैदा की जाए। चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि वह डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर और विजय स्तंभ को घर से ही प्रणाम कर रहे हैं ताकि विजय स्तंभ को सलामी देने आने वाले अंबेडकर के अनुयायियों को परेशानी न हो.
पुणे के पालक मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने शौर्य दिवस के अवसर पर घर से कोरेगांव भीमा में विजय स्तंभ को सलामी दी। आम नागरिकों के साथ कोई अप्रिय घटना ना हो इसके लिए उन्होंने अपने घर से ही अभिवादन किया। चंद्रकांत पाटिल ने बताया है कि विजयस्तंभ क्षेत्र के विकास के लिए सरकार द्वारा घोषित 100 करोड़ के फंड का क्रियान्वयन किया जाएगा।
प्रकाश अंबेडकर ने विजय स्तंभ को सलामी दी
वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने शौर्य दिवस के अवसर पर कोरोगांव भीमा का दौरा किया और विजय स्तंभ को सलामी दी।