Pcmc पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) बोली के जरिए समाज में लोगों की पहचान बनती है। जैसे क्षेत्र बदलता है,क्षेत्र बदलता है, इसलिए भाषा भी बदलती है। हालांकि,मुंबई,पुणे,पिंपरी चिंचवाड़ जैसे शहरी क्षेत्रों में,खानदेश में बोली जाने वाली अहिराणी भाषा को जागृत किया जा रहा है और मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है।ऐसा मनोगत पिंपरी चिंचवड मनपा आयुक्त और प्रशासक राजेश पाटिल ने व्यक्त किया। सभी को अपनी भाषा पर गर्व है। उन्होंने कहा कि काम और काम के लिए दशकों से खानदेश के ग्रामीण इलाकों से शहरों में आए भाइयों ने अहिराणी भाषा को जिंदा रखा है।
आयुक्त राजेश पाटिल के हाथों अहिराणी लोक नाटक टंगा मंगा न दंगा लोक नाटक का उद्घाटन
प्रा.जलरंग तापी नाट्य संस्था मुंबई द्वारा निर्मित प्रफुल्लित करने वाला अहिराणी लोक नाटक टंगा मंगा ना दंगा का दूसरा प्रदर्शन शनिवार को रामकृष्ण मोरे हॉल में दिवंगत महेंद्र दिनकर पाटिल की स्मृति में किया गया। इस कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर राजेश पाटिल बोल रहे थे। इस समय पूर्व सत्तारूढ़ दल के नेता नामदेव ढाके,माहेश्वरी बचत समूह के अध्यक्ष ज्योति ढाके,लोक नाटक निर्माता संगीता कुलकर्णी हटकर,लेखक देवीदास हटकर,निर्देशक मनोहर खैरनार,मनीषा पाटिल,वरिष्ठ अहिराणी लेखक बापूसाहेब पिंगले,व्यवसायी शरद पाटिल,किरण चौधरी,निर्देशक पंकज निकम,खानदेश मराठा पाटिल,भाजपा कार्यकर्ता गठबंधन के अध्यक्ष शंकर पाटिल आदि इस अवसर पर उपस्थित थे।
अहिराणी भाषा को भगवान कृष्ण के समय से महत्व प्राप्त-नामदेव ढाके
अहिराणी को भगवान कृष्ण के समय से ही महत्व प्राप्त है। शोध के लिए विद्वानों और लेखकों ने भी अहिराणी की ओर रुख किया है। यह मत कि अहिराणी भाषा न केवल महाराष्ट्र में बल्कि पूरे विश्व में पथनाटय,पुस्तकों और गीतों के माध्यम से प्रचलित हो रही है। सत्तारूढ़ दल के नेता नामदेव ढाके ने व्यक्त किया। इससे पूर्व समारोह का शुभारंभ गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्तियों के साथ छात्रों को सम्मानित किया गया।
टंगा मंगा न दंगा नाटक देखकर श्रोता मंत्रमुग्ध
इस बीच साढ़े तीन घंटे के प्रफुल्लित करने वाले अहिराणी लोकनाटक प्रयोग में टंगा मंगा ना दंगा शीर्षक से,भगवान कृष्ण की वेशभूषा में अभिनेताओं ने अहिर राजा से लेकर आज तक के संगीत,नृत्य और कीर्तन के माध्यम से अहिराणी भाषा का इतिहास सुनाया। इस नाटक में दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ अनायास प्रतिक्रिया दी। कार्यक्रम का आयोजन अखिल खानदेश युवा प्रतिष्ठान और खानदेश सांस्कृतिक विकास संस्था द्वारा किया गया था। वार्ड अध्यक्ष भगवान निकम, महासचिव कैलास रोटे,मंडल महासचिव प्रदीप पटेल,रूपेश पाटिल,शुभम ढाके, प्रदीप नेहटे,कुणाल इंगले,मोतीलाल पाटिल,सचिन महाले,धीरज धाकड़ और विभिन्न संगठनों और महिला स्वयं सहायता समूहों के पदाधिकारियों ने भाग लिया।