पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी-चिंचवड़ मनपा ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 620 करोड़ 27 लाख का टैक्स के रुप में वसूली की है। इससे उस राजस्व को बढ़ावा मिलेगा जो पिछले दो साल में कोरोना ने गंवाया है। पिछले 2021-22 में कुल 556 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। शहर में 5 लाख 70 हजार संपत्ति धारक हैं। जिसमें से गुरुवार (31 तारीख) तक कुल 3 लाख 24 हजार 572 संपत्ति मालिकों ने कुल 620 करोड़ 26 लाख 23 हजार 597 रुपये आयकर बिल का भुगतान किया है।
थेरगांव कार्यालय ने सर्वाधिक 135 करोड़ 73 लाख की विभिन्न टैक्स के रुप में वसूली की। इसके बाद दिघी-बोपखेल 53 करोड़ 1 लाख, सांगवी 52 करोड़ 47 लाख, चिखली 51 करोड़ 58 लाख और भोसरी कार्यालय 46 लाख 98 हजार रुपये रहे। इसलिए सबसे कम पिंपरी कैंप कार्यालय में सिर्फ 5 करोड़ 88 लाख रुपये जमा किए गए हैं।
आयकर के माध्यम से एकत्र किए गए 620 करोड़ रुपये में से 284.89 करोड़ रुपये ऑनलाइन के माध्यम से एकत्र किए गए हैं। अब तक 2 लाख 322 लोगों का ऑनलाइन बिल किया जा चुका है। इसलिए, यह स्पष्ट होता जा रहा है कि नागरिक तेजी से ऑनलाइन लेनदेन को तरजीह दे रहे हैं। 133 करोड़ 9 लाख चेक से जमा किए गए हैं। 85 करोड़ 53 लाख का नकद भुगतान किया जा चुका है।
अप्रैल से शुरू हुआ आयकर बिलों का वितरण
शहर अप्रैल 2022 से आयकर बिलों का वितरण शुरू करेगा। घर-घर जाकर स्पीड पोस्ट से बिल भेजे जाएंगे। शहर में मकान लेकर विदेश में रहने वाले फ्लैट मालिकों के खिलाफ अब जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। 2 लाख 45 हजार संपत्ति मालिकों ने अपने बिलों का भुगतान नहीं किया है। उन्हें ट्रेस कर नोटिस जारी किया जाएगा। सहायक आयुक्त नीलेश देशमुख ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले महीने से वसूली अभियान शुरू हो जाएगा।
बांधकाम विभाग को 1 हजार 20 करोड़ की रिकॉर्ड आय
कोरोना ने मनपा के बिल्डिंग परमिट से होने वाली आमदनी दो साल के लिए घटा दी थी। हालांकि वर्ष 2022-23 में वर्ष के अंत तक बांधकाम परमिशन से 1,020 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड आय अर्जित की है।
इससे साफ है कि शहर में कंस्ट्रक्शन सेक्टर फलफूल रहा है। कोरोना महामारी ने निर्माण क्षेत्र को प्रभावित किया था, जिससे बांधकाम परमिशन विभाग के राजस्व में कमी आयी थी। वर्ष 2020-21 में आय 328 करोड़ 91 लाख थी। इस प्रकार वर्ष 2019-20 में 581 करोड़ 3 लाख रुपये की आय हुई। सहशहर अभियंता मकरंद निकम ने कहा कि इस वर्ष पहली बार एक हजार करोड़ 20 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड आय हुई है।
पानी टैक्स से 45 करोड़,आकाश चिन्ह परमिशन विभाग सेे 12 करोड़
मनपा जलापूर्ति विभाग की पानी के बिल की वसूली की दर बेहद कम है। वित्त वर्ष 2022-23 में करीब 55 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है। तो आकाश चिन्ह एंड लाइसेंसिंग विभाग ने वर्ष के दौरान 12 करोड़ 58 लाख की आय अर्जित की है। शहर में 1 लाख 67 हजार सरकारी प्लंबिंग होल्डर हैं। साल के अंत तक जलापूर्ति से करीब 55 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है। हालांकि जल विभाग का बकाया बढ़कर करीब 66 करोड़ रुपये हो गया है। वार्षिक तस्वीर है कि जलापूर्ति विभाग बकाया की वसूली में लापरवाही बरत रहा है। आकाश चिन्ह विभाग से विज्ञापन लाइसेंस से 12 करोड़ 58 लाख रुपये कमाए गए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस विभाग का राजस्व दोगुना हो गया है। विज्ञापन कर लाइसेंस शुल्क,उद्योग लाइसेंस शुल्क। ये चार्ज कई तरह से लगाए जाते हैं जैसे स्पेस रेंट,सर्विस टैक्स,पोल रेंट,पेनल्टी।