Pcmc पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे जिले के मावल तहसील अंतर्गत सुदुंबरे गांव में 2003 से कार्यान्वियत सिद्धांत कॉलेज में पिछले 16 महिनों से शिक्षक-शिक्षकेत्तरों को वेतन का भूगतान नहीं हुआ। पिछले कई सालों से कर्मचारियों के वेतन से प्रोविडेंट फंड के नाम पर पैसा काटा गया मगर कर्मचारियों के खाता में पैसा भरा नहीं गया। कर्मचारी और उनका परिवार भूखमरी के शिकार हो रहे हैं। आत्महत्या करने को मजबूर है। अपने हक के लिए कई बार काम बंद आंदोलन कर चुके है। लेकिन संस्थापक अध्यक्ष आर एस यादव को कर्मचारियों की परेशानी से कोई फर्क नहीं पड़ता। कर्मचारियों का बढता दबाव देखकर अध्यक्ष चालू शैक्षणिक वर्ष के एडमिशन,फीस का सारा पैसा लेकर भागने के फिराक में है। सिद्धांत कॉलेज पर तत्काल प्रशासक की नियुक्ति होनी चाहिए। ऐसी मांग और आरोप भारतीय मजदूर संघ पुणे जिला के सेके्रटरी बी टी भुजबल ने की है।
धर्मादाय आयुक्त,पुणे युनिवर्सिटी से प्रशासक नियुक्ति की मांग
भारतीय मजदूर संघ के सेक्रेटरी बी.टी.भुजबल ने धर्मादाय आयुक्त पुणे और पुणे युनिवर्सिटी को एक पत्र भेजकर प्रशासन को बताया कि सुदुंबरे गांव में 2003 में चौधरी अत्तर सिंह यादव मेमोरियल एज्यूकेशन(सीएवायएम)ट्रस्ट की स्थापना हुई। इस संस्था के तत्वाधान में सिद्धांत कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग,एमबीए,फार्मेसी,संगणक,बीबीए इत्यादि डिग्री,डिप्लोमा कॉलेज शुरु हुआ। इस कॉलेज में लगभग 300-400 शिक्षक-शिक्षकेत्तर कार्यरत हैं। पिछले 10 महिनों से कर्मचारियों को वेतन का भूगतान नहीं हुआ। कई सालों से वेतन से काटे गए पीएफ फंड को नहीं भरा गया जो एक कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है। नियमानुसार वेतन से कटिंग पीएफ का उतना ही हिस्सा संस्था चालक को भरना पड़ता है। यहां काटा गया फंड को नहीं भरा गया। संस्था चालक अपना हिस्सा भी नहीं भरा। कई अनुभवी प्रोफेसर वेतन न मिलने और संस्था चालक की मनमानी से तंग आकर काम छोडकर चले गए। कई महिनों का वेतन और कई सालों का पीएफ फंड अटका है।
संस्थापक अध्यक्ष के विरुद्ध एफआयआर दर्ज करने की मांग
सिद्धांत कॉलेज में पढ़ाई कम,वेतन को लेकर काम बंद हडताल ज्यादा देखने को मिलता है। यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों का भविष्य चौपट हो रहा है। प्राचार्य,डायरेक्टर के पास आर्थिक मसलों का कोई पॉवर नहीं। संस्थापक अध्यक्ष आर एस यादव खुद सारा व्यवहार देखते है,मनमानी करते है। अपने हस्ताक्षर से किसी न किसी बहाने पैसा निकाल ले जाते हैं। वेतन मांगने पर काम से निकाल देने की धमकी देते है। इस वर्ष प्रवेश और फीस से संकलित वेतन को बटोर करके भागने के फिराक में है। भारतीय मजदूर संघ के लेटरहेड में सेक्रेटरी भूजबल ने ऐसा आरोप लगाया है। भूजबल ने धर्मादाय आयुक्त,पुणे और पुणे विद्यापीठ प्रशासन को इस बारे में पत्र सौंपा है। साथ ही मांग कि है कि संस्थापक अध्यक्ष आर एस यादव के विरुद्ध पीएफ एक्ट सेक्शन 7 ए के तहत (एफआयआर)अपराध दर्ज हो,साथ ही संस्था में प्रशासक नियुक्त करके शासन कॉलेज की कमान अपने हाथ में लें।
सिद्धांत कॉलेज के विरुद्ध कोर्ट में कई ट्रायब्युनल केसेस
भूजबल ने धर्मादाय आयुक्त और पुणे विद्यापीठ प्रशासन को बताया कि वर्तमान में इस संस्था के विरुद्ध कोर्ट में ट्रायब्युनल 10 केसेस दाखिल है। जबकि उच्च न्यायालय में 4 केसेस दाखिल है। पुणे विद्यापीठ में 6 केसेस दाखिल हैं। पिछले 9 साल से कर्मचारियों को एक भी वेतनवृद्धि नहीं मिली। संस्थापक अध्यक्ष आर एस यादव की मनमानी से कर्मचारियों का आर्थिक शोषण हो रहा है। कोविड महामारी के दौरान भूखमरी के कगार पर पहुंच चुके कर्मचारी आत्महत्या करने को मजबूर है। 400 स्थायी-अस्थायी कर्मचारियों का परिवार सड़क पर आ चुका है। सिद्धांत कॉलेज में नियमानुसार किसी भी कर्मचारी का वेतन नहीं होता। जिन कर्मचारियों की मौत हो चुकी है,उनको आज तक वेतन,पीएफ,ग्रेज्यूएटी का भूगतान नहीं दिया गया। संस्था और संस्थापक अध्यक्ष आर एस यादव के विरुद्ध कानूनी कडी कार्रवाई की जानी चाहिए,और अविलंब प्रशासक की नियुक्ति हो,ताकि कर्मचारियों को न्याय मिल सके। ऐसी मांग भारतीय मजदूर संघ के सेके्रटरी भूजबल ने अपने सौंपे पत्र में की।