Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) डॉ.डी.वाय पाटिल मेडिकल कॉलेज अस्पताल और अनुसंधान केंद्र में नेत्र शल्य चिकित्सा कौशल प्रशिक्षण प्रयोगशाला (क्लिनिक सिमुलेशन और कौशल प्रयोगशाला) का उद्घाटन समारोह। डॉ.डी. वाय पाटिल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ.पी डी पाटिल, कुलपति डॉ.भाग्यश्रीताई पाटिल,ट्रस्टी एवं कोषाध्यक्ष डॉ.यशराज पाटिल के मार्गदर्शन में नवीनतम तकनीक से लैस सभी चिकित्सा विषयों के लिए एक कौशल प्रयोगशाला स्थापित की गई है। स्वास्थ्य सेवाओं में डॉक्टरों,नर्सिंग स्टाफ,पैरामेडिकल स्टाफ आदि के कौशल और दक्षता में वृद्धि के साथ-साथ रोगी सुरक्षा और देखभाल कौशल विकसित करना। यही इस स्किल लैब का मुख्य उद्देश्य है। इस दृष्टि से कौशल प्रयोगशाला आकार में आ गई है।
डॉ. डी. वाय पाटिल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के ट्रस्टी और कोषाध्यक्ष डॉ. डॉ. यशराज पाटिल, संस्थापक अध्यक्ष, इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ मैनुअल स्मॉल इनसीशन मोतियाबिंद सर्जन अमूल्य साहू और कार्यकारी अध्यक्ष डॉ.जगन्नाथ बोरामनी ने नेत्र शल्य चिकित्सा कौशल प्रशिक्षण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। मेडिकल कॉलेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी,डीन,कॉर्पोरेट विभाग के निदेशक,चिकित्सा अधीक्षक,कौशल प्रयोगशाला के प्रमुख,नेत्र विज्ञान विभाग के प्रमुख आदि उपस्थित थे।
प्रौद्योगिकी नेत्र शल्य चिकित्सा में नवीनतम तकनीक के माध्यम से मानव नेत्र प्रतिकृति को शामिल करती है। इसके माध्यम से प्रशिक्षुओं को विभिन्न प्रकार के नेत्र शल्य चिकित्सा कौशल प्रशिक्षण मिलेगा। एक ही समय में दो सर्जनों को प्रशिक्षित किया जा सकता है। नेत्र शल्य चिकित्सा की वीडियो रिकॉर्डिंग और समीक्षा भी उपलब्ध है। इसका उद्देश्य इन विशेषताओं के साथ प्रशिक्षण के माध्यम से कुशल जानकार डॉक्टरों का विकास करना है। इसके लिए डॉ.डीवाय पाटिल मेडिकल कॉलेज और हेल्पमेस के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
यह कौशल प्रयोगशाला गर्भावस्था से लेकर प्रसव तक रोगी के जीवन को बचाने के लिए आवश्यक चिकित्सा कौशल में प्रशिक्षण प्रदान करती है, साथ ही कौशल प्रयोगशाला में शैक्षणिक विषय से संबंधित चिकित्सा उपकरणों की प्रदर्शनी भी लगाई जाती है। यह स्नातकों,स्नातकोत्तर, विशेषज्ञों,अनुभवी विशेषज्ञों,सर्जनों के साथ-साथ नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षण प्रदान करता है। प्रशिक्षण के लिए सूचना बोर्ड,विभिन्न उन्नत मॉडल, कंप्यूटर प्रौद्योगिकी आदि का उपयोग किया जाता है। इन सामग्रियों के अलावा प्रशिक्षण के दौरान ऑडियो-विजुअल विज्ञापन का भी उपयोग किया जाता है,साथ ही इंजेक्शन,खारा,सीपीआर,श्वसन पथ,अन्नप्रणाली,हृदय,आंख,तंत्रिका तंत्र,ऑस्टियोपोरोसिस,बाल चिकित्सा सर्जिकल एंडोस्कोपिक,लैप्रोस्कोपिक,कोलोनोस्कोपी,विभिन्न प्रकार के रोबोटिक सर्जरी,ये हैं इस प्रयोगशाला की विशेषताएं।
चांसलर ने कहा,हमारी मंशा चिकित्सा पाठ्यक्रम में कौशल शिक्षा पर अधिक से अधिक जोर देने की है और इसके लिए इस कौशल प्रयोगशाला में एक उन्नत उपकरण शामिल किया गया है। पी डी पाटिल ने आगे कहा कि आज उन्हें नेत्र शल्य चिकित्सा प्रशिक्षण के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा प्रौद्योगिकी को शामिल करने वाली भारत की पहली स्किल लैब होने पर गर्व है।