Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी के डॉ. डी. वाय पाटिल मेडिकल कॉलेज अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र में 4 ब्रेन डेड मरीजों के अंगदान और उनके परिजनों के साहसिक निर्णय से 15 मरीजों को नया जीवन मिला। 1 हृदय,1 फेफड़ा,4 लीवर,4 किडनी,4 नेत्रगोलक जैसे 15 अंगों को दाता अंगों से प्रतिरोपित किया गया। मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति में कमी के कारण एक 21 वर्षीय महिला को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। उसके अंगदान से एक लीवर पुणे के एक निजी अस्पताल में प्रत्यारोपित किया गया। 15 अगस्त को अंगदान किया गया।
ब्रेन हैमरेज से पीड़ित 26 वर्षीय महिला को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। उसके अंगदान में एक 37 वर्षीय महिला को दिल के साथ 1 फेफड़ा (डबल ट्रांसप्लांट), 65 वर्षीय व्यक्ति को लीवर और 17 वर्षीय एक किडनी शामिल है। डॉ. डी.वाय पाटिल इन अंगों को पाटिल अस्पताल में प्रत्यारोपित किया गया। दूसरी किडनी पुणे के एक निजी अस्पताल में ट्रांसप्लांट की गई। प्रतीक्षा सूची के अनुसार जरूरतमंद मरीजों को दो आंखों के नेत्रपटल दिए जाएंगे।
यह दूसरा अंगदान 20 अगस्त को किया गया। सेरेब्रल हेमरेज के कारण 68 वर्षीय एक व्यक्ति को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। उनका लीवर एक निजी अस्पताल में एक मरीज को ट्रांसप्लांट किया गया था। यह तीसरा अंगदान है। यह 23 तारीख को किया गया था। चिखली के 24 वर्षीय युवक के सिर में चोट लगने से उसके मस्तिष्क से खून बहने लगा। इसलिए उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। उनके माता-पिता ने अंगदान का फैसला किया। तदनुसार,सूरत (गुजरात) के एक अस्पताल में हृदय को 35 वर्षीय व्यक्ति में प्रत्यारोपित किया गया।
हैदराबाद के एक अस्पताल के 60 वर्षीय पुरुष मरीज का फेफड़े से प्रत्यारोपण किया गया। जबकि 65 वर्षीय महिला का लीवर और 33 वर्षीय व्यक्ति की किडनी डॉ. डी.वाय पाटिल को अस्पताल में ट्रांसप्लांट किया गया। दूसरी किडनी पुणे के एक सरकारी अस्पताल में ट्रांसप्लांट की गई। प्रतीक्षा सूची के अनुसार जरूरतमंद मरीजों को दो आई ड्रॉप दी जाएगी। चौथा अंगदान बुधवार (24 तारीख) को किया गया।
रोगियों को पुनर्जीवित करने के लिए डॉ कीमिया। डी. वाय. पाटिल अस्पताल के डॉक्टर परिवहन पुलिस ने सड़क, वायु जैसे ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से पिंपरी से विभिन्न अस्पतालों तक अंगों के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जेटीसीसी पुणे डिवीजन के सदस्य का भी समर्थन मिला। परामर्श अंगदान एवं प्रत्यारोपण विभाग के समन्वयक द्वारा किया गया। डॉ. डी.वाय पाटिल विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ.पी. डी. पाटिल, प्रो-चांसलर डॉ.भाग्यश्री पाटिल,ट्रस्टी एवं कोषाध्यक्ष डॉ.यश राज पाटिल ने अंगदान और प्रत्यारोपण प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों की तारीफ की।