Pcmc पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) चिंचवड में स्थित आनंदनगर-साईबाबानगर के झुग्गी धारकों के मकानों,दुकानों पर रेलवे का बुलडोजर चलेगा। अमृत आनंदजी,सहाय्यक मंडल इंजी.(दक्षिण)लोणावला ने यहां के निवासियों को 15 दिनों में भूखंड खाली करने की नोटिस दी है। अगर भूखंड खाली नहीं किया तो भारतीय रेल निर्माण नियमावली के तहत अवैध कब्जे को हटाने के लिए बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान जो भी नुकसान होगा उसकी जिम्मेदारी रेलवे की नहीं होगी।
नोटिस मिलने के बाद आनंदनगर-साईबाबानगर के निवासियों में हडकंप मच गया है। कई जनप्रतिनिधियों,सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मनपा आयुक्त राजेश पाटिल से मुलाकात करके पर्यायी जगह देने की मांग की है। शिष्टमंडल का कहना है कि आनंदनगर-साईबाबानगर में 15 हजार से अधिक गरीब,वंचित,अनुसुचित जाति,अल्पसंख्यांक समाज के लोग पिछले 60 सालों से जीवन यापन कर रहे है। इनके पास बिजली,पानी का कनेक्शन,मतदाता पहचानपत्र,आधार कार्ड है।
आनंदनगर-साईबाबानगर चिंचवड रेलवे स्टेशन परिसर अंतर्गत बसा है। रेलवे की आवाजाही में बाधक है। उच्च न्यायालय ने एक ऐसे ही मामले में सुरत से जलगांव के बीच 265 किमी पश्चिमी रेलवे के रेल प्रोजेक्ट में बाधक झुग्गी झोपडी को हटाने का आदेश दिया था। लोनावला रेलवे विभाग का मानना है कि ठीक इसी कोर्ट के आदेश को आधार बनाकर आनंदनगर-साईबाबानगर झोपडपट्टी को हटाने का अधिकार रेलवे के पास है। जबकि स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों का दावा है कि यहां की परिस्थिति भिन्न है।
आनंदनगर-साईबाबानगर बस्ती चिंचवड रेलवे लाइन से काफी दूर है। रेलवे के मार्ग में बाधक नहीं है। फिर भी रेलवे भूखंड खाली कराना चाहती है तो मनपा,महाराष्ट्र सरकार से मिलकर पहले पर्यायी रास्ता निकाले फिर कार्रवाई करें। ऐसी मांग रेलवे प्रशासन से की गई है। साथ ही यह भी अवगत कराया गया है कि अगर बलपूर्वक अतिक्रमण कार्रवाई की जाती है तो कोई भी बडी अनहोनी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता। नोटिस के बाद यहां के निवासी काफी तनावपूर्ण स्थिति में है। कार्रवाई के दौरान कोई जीवित हानि होती है तो उसके लिए रेलवे विभाग पूर्ण रुप से जिम्मेदार होगा।
मनपा आयुक्त राजेश पाटिल ने शिष्टमंडल को आश्वासन देते हुए कहा कि न्यायालय के निर्णय की जानकारी प्राप्त करके यथाशीघ्र रेलेवे प्रशासन को साकारात्मक पत्र भेजा जाएगा और योग्य मार्ग निकाला जाएगा। कालुराम पवार,प्रसाद शेट्टी,अण्णा पंद़ी,दयानंद वाघमारे,सम्राट जकाते,आनंद ओव्हाल,नेताजी शिंदे,नाथ शिंदे अण्णा कसबे, लक्ष्मीबाई देवकर,कात्री माने, नितीन चव्हाण, श्रावण राखपगारे, मुन्ना कुरेशी,रेवण्णा पल्ले दिदोप्पा देवनोक आदि शिष्टमंडल में शामिल थे।