Pcmc पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड मनपा एक दुधारु गाय है जिसका दूध हर कोई समय समय पर निकालकर पीता है। पालिका तिजोरी से पैसा निकालने की टेक्निक जिसको समझ में आ गई उसे रातों रात रंक से राजा बनते देर नहीं लगती। कहते हैं कि शराबी को शराब पीने का बहाना चाहिए,इसी तरह नेताओं को पालिका तिजोरी से पैसा निकालने का बहाना चाहिए।
औंध हॉस्पिटल चौक से मुकाई नगर,कावेरीनगर चौक तक 14 किमी बीआरटी रास्ते के दोनों बाजू डामरीकरण,सुशोभिकरण के नाम पर 100 करोड रुपये पालिका खर्च करने जा रही है। इसमें से 40 करोड रुपये का ठेका एक नामांकित ठेकेदार कंपनी को बिना कोई टेंडर के प्राप्त हुआ। बाकी टेंडर रकम मंजूर करने के लिए प्रोसेस में है। जिस सडक पर एक भी गड्डा नहीं उस सडक के लिए 100 करोड रुपये फिजूल खर्च गले के नीचे नहीं उतर रहा।
भाजपा का चुनावी फंड का फंडा
शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे,पूर्व स्थायी समिति सभापति प्रशांत शितोले ने आरोप लगाते हुए कहा कि पालिका प्रशासन सत्ताधारी भाजपा के लिए चुनावी फंड इकट्ठा कर रही है। आज पत्रकारों का एक शिष्टमंडल इस बीआरटी रास्ते का औचित्य निरिक्षण किया। जिसमें पाया गया कि औंध-रावेत रास्ता एकदम ठीकठाक है। एक भी खड्डा नहीं। सांगवी फाटा से कावेरीनगर सबवे तक रास्ता अर्बन स्ट्रीट के अनुसार 17 करोड 74 लाख रुपये,डांगे चौक से ताथवडे चौक तक 16 करोड 27 लाख खर्च,औंध से रावेत तक डामरीकरण,चेंबर समतलीकरण के लिए 30 करोड 96 लाख रुपये ऐसा कुल मिलाकर 62 करोड खर्च का काम किया जाना है। स्थायी समिति ने इसकी मान्यता दे चुकी है। जिसका 30 करोड रुपये का वर्क ऑर्डर आयुक्त राजेश पाटिल ने जारी किए है। जबकि 40 करोड रुपये का ठेका स्मार्ट सिटी के ठेकेदार को डायरेक्ट दिए जाने की प्रक्रिया शुरु है। चार चरणों में इतनी भारी भरकम रकम खर्च की जाएगी। फिलहाल यह एक फिजूल खर्च लगता है। करदाताओं के पैसों का दुरुपयोग है। कुछ अधिकारी अपने आयुक्त को गुमराह करके यह गलत काम करा रहे है। इस संदर्भ में आयुक्त से मिलकर एक पत्र के माध्यम से ध्यानाकर्षण कराने का काम किया मगर लगता है कि आयुक्त किसी के दबाव में है। ऐसा राहूल कलाटे ने बताया।
स्थायी समिति मीटिंग में राकांपा-शिवसेना सदस्य मौनीबाबा
प्रशांत शितोले ने कहा कि इस मामले को पालकमंत्री अजित पवार के पास ले जाएंगे साथ ही कोर्ट में चुनौति देंगे। स्थायी समिति में राकांपा के 4 सदस्य,शिवसेना के 1 सदस्य है। स्थायी समिति की बैठक में आखिर ये सदस्य विरोध क्यों नहीं करते? इसका जवाब देते हुए राहुल कलाटे ने कहा कि सत्ताधारियों की स्थायी समिति में संख्याबल अधिक होने के कारण मनमानी चलती है और विषय मंजूर करते है। लेकिन विरोधी पार्टियों के सदस्य विरोध दर्ज क्यों नहीं करते? मौनी बाबा की भूमिका में क्यों है। शिवसेना के सांसद श्रीरंग बारणे,विरोधी नेता राजू मिसाल को क्या यह भ्रष्टाचार दिखाई नहीं देता? इसका जवाब देने में बगली झांकने लगे।
14 किमी सड़क निर्माण में असमानता-कहीं 45 मीटर,कहीं 30 मीटर
औचित्य निरिक्षण के दौरान पत्रकारों ने देखा कि औंध से मुकाई चौक तक बीआरटी रास्ते के दोनों छोरों पर 7-7 मीटर का फुटपाथ छोडा गया है। जिसमें पैदल चलने वाले और साइकिल ट्रॅक बनाने तथा सुशोभिकरण के लिए छोडा गया है। हलांकि प्रथम दृष्या में यह 7 मीटर काफी ज्यादा है इससे सडक संकरी होने से ट्रॉफिक जाम की समस्या प्रतिदिन देखने को मिल रही है। साथ ही 14 किमी तक असमानता भी है।वाकड परिसर सीमा से मुकाई चौक तक का रास्ता काफी संकरा है। यहां ट्रॉफिक जाम की समस्या ज्यादा उत्पन्न होती है। डांगे चौक तक 45 मीटर और उसके आगे मुकाई चौक तक 30 मीटर की सडक निर्माण की गई। मजेदार बात यह है कि टेंडर निकाले जाने के बाद कंस्लटंट की नियुक्ति की गई है। यह कंस्लटंट चिंचवड का बताया जा रहा है जिसके पास कोई स्टाफ तक नहीं है। अकेले कन्सलटंसी चलाता है।
टेंडर रोककर आयुक्त जांच करवाएं
चाहे जो भी हो अगर जनप्रतिनिधियों ने अनियमिता,भ्रष्टाचार होने का दावा कर रहे हैं तो आयुक्त की जवाबदेही बनती है कि जारी टेंडर रद्द करके जांच कराने की का आदेश दें ताकि सच्चाई सामने आ सके। आयुक्त इस बात का भी ध्यान रखें कि अब तक विभिन्न मामलों में जिस तरह जांच के नाम पर लीपापोती की गई और ठंडे बस्ते में डाला गया,इस प्रकरण में कम से कम ऐसा न हो क्योंकि 100 करोड का मामला है जो करदाताओं का पैसा है। आयुक्त को अगर अनावश्यक खर्च लगता है तो तत्काल रोक लगाने का आदेश जारी करें।