Pcmc पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) जी हां! यह किसी चौंकाने वाले मामले से कम नहीं है। किसी के गले के नीचे उतरने वाला मामला भी नहीं है। लेकिन चिंचवड के आनंदनगर झोपडपट्टी को बचाने के लिए पूर्व नगरसेवक कालूराम पवार ने सुप्रिम कोर्ट के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौति दी है। अब हाईकोर्ट तो सुप्रिम कोर्ट को आदेश तो नहीं दे सकता,और नहीं सुप्रिम कोर्ट के आदेश को रद्द करने,स्थगन आदेश देने का पॉवर रखता है। फिर भी कालूराम पवार और उनके वकीलों ने जनहित में एक याचिका दायर की है।
पुणे रेलवे प्रशासन के लोनावला विभाग ने 11 अप्रैल 2022 को सुप्रिम कोर्ट के आदेश के अनुसार चिंचवड रेलवे स्टेशन परिसर में बसे आनंदनगर,साईबाबानगर झुग्गी बस्तियों में रहने वाले 490 परिवारों को रेलवे की जगह खाली करने का नोटिश भेजी है। 15 दिनों के भीतर खाली नहीं किया गया तो रेलवे अपना बुलडोजर चला देगा।
इससे यहां के नागरिकों में भय का माहौल है। एनसीपी के पूर्व नगरसेवक और पिंपरी चिंचवड़ पालिका की कानूनी समिति के पूर्व अध्यक्ष कालूराम पवार ने मुंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका की एक प्रति पुणे रेलवे कानूनी सलाहकार को सौंपी गई। इस याचिका में महाराष्ट्र राज्य सरकार, मंडल रेलवे कार्यालय, सोमवार पेठ, सहायक क्षेत्रीय इंजीनियरिंग, पिंपरी पालिका आयुक्त को प्रतिवादी के रूप में नामित किया गया था।
नगरपालिका प्रशासन ने 1984 में आनंदनगर को एक झुग्गी बस्ती घोषित कर दिया। अधिवक्ताओं ने बताया कि झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों की सुरक्षा के लिए पालिका प्रशासन ने एक करोड़ रुपये की चारदिवारी का निर्माण किया था। हाईकोर्ट ने याचिका मंजूर कर ली है। यह बात पवार ने कही।