Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) कुख्यात गैंगस्टर गज्या उर्फ गजानन मारर्णे के खिलाफ 20 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने और एक शेयर दलाल और व्यवसायी के अपहरण और पिटाई के मामले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (एमओसीए) के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश दिया।
गज्या उर्फ गजानन पंढरीनाथ मारर्णे ( शास्त्रीनगर,कोथरुड), हेमंत उर्फ अन्ना बालाजी पाटिल (उम्र 39, बुर्ली,पलुस,सांगली),अमर शिवाजी किरदत (उम्र 46), फिरोज महमंद शेख (उम्र 50, दोनों कोडोवली,सतारा), रूपेश कृष्णराव मारणे( शास्त्रीनगर,कोथरुड),संतोष शेलार ( कोथरुड),मोनिका अशोक पवार (दापोडी),अजय गोले ( नर्हे),नितिन पगारे (बाकी सतारा),प्रसाद खंडगले (तलजई पाथर,पद्मावती),नवघने और उनके साथियों के खिलाफ रणनीतिक कार्रवाई की गई है। भारती विश्वविद्यालय क्षेत्र में रहने वाले एक व्यापारी व एक शेयर दलाल के अपहरण के मामले में रंगदारी रोधी दस्ते ने सोमवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
जबरन वसूली निरोधक दस्ते के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बालाजी पांडे ने अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रामनाथ पोकले को प्रस्ताव दिया था कि हत्या सहित अन्य साथियों के खिलाफ ’रणनीतिक’ कार्रवाई की जाए। पुलिस आयुक्त गुप्ता ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए मारर्णे गैंग के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इस मामले की जांच सहायक पुलिस आयुक्त नारायण शिरगांवकर कर रहे हैं।
हत्याकांड में बरी होने के बाद गाजा मारणे अपने साथियों के साथ नवी मुंबई की तलोजा जेल से कोथरुड के लिए जुलुस लेकर पुणे आया था। उसके साथी ने मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे को आतंकित कर दिया। इस मामले में मारर्णे के खिलाफ पिंपरी चिंचवड़ पुलिस कमिश्नरेट में पहला अपराध दर्ज किया गया था। काफी आलोचना और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के बाद पुलिस को जिम्मेदार ठहराया गया। इसके बाद से मारर्णे फिर से पुणे पुलिस की नजरों में आ गया था। मारणे को तब जेल में डाल दिया गया था। वह मार्च के महीने में जेल से रिहा हुआ था। उसके बाद मारर्णे गिरोह फिर से अपराध करने लगा।