पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) भाजपा गठबंधन से बनी नागालैंड सरकार को राष्ट्रवादी कांग्रेस ने अपना समर्थन दिया है। नागलैंड में राष्ट्रवादी कांग्रेस के 7 विधायक निर्वाचित हुए है। भारत के राजनीतिक इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि नागालैंड में अपोजिशन लेस गव्हर्नमेंट बनी है। सारी विरोधी पार्टियों ने सरकार को समर्थन दिया है। विधानसभा में विरोधी खेमा नहीं दिखेगा जो सरकार को गलतियों पर घेर सके। राकांपा कोई पहली बार भाजपा के साथ सरकार बनाई है ऐसा नहीं,इससे पहले शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने महाराष्ट्र में भाजपा के साथ मिलकर सुबह तडके देवेंद्र की अगुवाई वाली सरकार बना चुके है। जिसमें वे डेढ दिन के उपमुख्यमंत्री रह चुके है। राष्ट्रवादी की करनी और कथनी में हमेशा भेद रहा है।
नागालैंड में एन. रियो, (एनडीपीपी) राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक प्रगतिशील पार्टी (एनडीपीपी)के एन रियो मुख्यमंत्री हैं। इस पार्टी के कुल 21 विधायक चुनकर आए है। भाजपा ने इस एनडीपीपी से गठबंधन किया है। मुख्यमंत्री शपथ विधि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,गृहमंत्री अमित शाह,भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा शामिल हुए थे। नागौंड में भाजपा के 12 विधायक,राकांपा के 7 विधायक,आरपीआई आठवले गुट के 2 विधायक और 4 निर्दलीय विधायक चुनकर आए हैं। सभी पार्टियों ने भाजपा समर्पित एन रियो सरकार को समर्थन दिया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस मुख्य विपक्षीय की भूमिका में बैठ सकती थी,जनहित की आवाज उठा सकती थी,सरकार के गलत कामों का जमकर विरोध करने का अच्छा मौका था। लेकिन ऐसा करती तो सातों विधायक टूटकर चले जाते। शरद पवार की मजबुरी कहें या लाचारी जिस सरकार में भाजपा है उसी को समर्थन देकर बुरे अटके।
राकांपा सुप्रियों शरद पवार के सामने सबसे बडा संकट था कि उनके 7 विधायक सरकार में रहना चाहते थे। नागलैंड के प्रभारी नरेंद्र वर्मा को शरद पवार ने विधायकों की राय जानने के लिए भेजा। स्थानीय नवनिर्वाचित विधायक और नगालैंड की राकांपा स्थानीय इकाई की राय थी कि हमें सरकार का हिस्सा होना चाहिए, जिसकी अध्यक्षता श्री एन. रियो,(एनडीपीपी) राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक प्रगतिशील पार्टी के प्रमुख और नागालैंड के मुख्यमंत्री करेंगे। नागालैंड राज्य के व्यापक हित में और एन रियो के साथ हमारे अपने अच्छे संबंध। अगर शरद पवार विधायकों के मंशा के विपरित निर्णय लेते तो सारे विधायक भाजपा में शामिल हो जाते अथवा अलग गुट बना लेते। यही कारण है कि शरद पवार ने अप्रत्यक्ष रुप से भाजपा को ही समर्थन किया है। भाजपा को समर्थन की बात सार्वजनिक होते ही विरोधियों ने महाराष्ट्र में बवाल यचा दिया। चारों ओर से राकांपा के शरद पवार को घेरेने लगी। शरद पवार महाराष्ट्र में भाजपा के विरोध में डंका बजाते है और नागालैंड में भाजपा को समर्थन देते है। राकांपा के दोहरे चाल चरित्र बेनकाब हो गया।
शरद पवार ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वे नागलैंड के मुख्यमंत्री को समर्थन दिया है न कि भाजपा को। सवाल है कि सरकार में भाजपा है। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार है। भाजपा भी सरकार में है। शरद पवार एकनाथ शिंदे को समर्थन देकर कहें कि वे मुख्यमंत्री शिंदे को समर्थन दिया है,भाजपा को नहीं। शरद पवार चारों ओर से घिर चुके है।