Mumbai पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता राजू शेट्टी का मनोनीत विधान परिषद सूची से नाम कटा हो गया है। राज्यपाल को शेट्टी का नाम हटाने की सिफारिश की गई है। साथ ही राकांपा नेता एकनाथ खडसे के नाम को हटाने पर विचार किया जा रहा है। दिल्ली दरबार को खडसे के नामपर आपत्ति है। भोसरी भूंखड घोटाला में खडसे का नाम उछले के कारण विधान परिषद लिस्ट से नाम हटाने की कवायद शुरु हो गई है। दोनों नाम की जगह नए नामों को खंगाला जा रहा है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे,उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने बुधवार (1 सितंबर) को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी। उस समय राजू शेट्टी के नाम को छोड़कर एक अन्य राकांपा नेता की सिफारिश करने वाला एक पत्र राज्यपाल को दिया गया था। राजभवन को राकांपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे के नाम की पेशकश नहीं की गई है। हालांकि राकांपा खडसे का नाम हटाने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
राज्यपाल ने दी नैतिकता की सीख अगस्त में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में दो नामों को छोड़कर वैकल्पिक नाम देने पर चर्चा हुई। उस मुद्दे पर निर्णय लेने का एकमात्र अधिकार मुख्यमंत्री को दिया गया था। मुख्यमंत्री बुधवार को राजभवन जाते समय राज्य के मुख्य सचिव के साथ गए। राज्यपाल को एक और नाम की सिफारिश करने वाला पत्र दिया गया है। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने राज्यपाल से 60 मिनट तक चर्चा की। समझा जाता है कि इस बार राज्यपाल ने राजनीतिक नैतिकता का पाठ पढ़ाया।
स्वाभिमान शेतकरी संगठना का आंदोलन: राजू शेट्टी अपने पूरे राजनीतिक जीवन में शरद पवार और चीनी मिलों के लगातार विरोधी के रूप में जाने जाते हैं। साथ ही बीजेपी और एनसीपी उनके स्वाभिमानी किसान संगठन के टारगेट में हमेशा रहे हैं। फिलहाल गठबंधन सरकार के खिलाफ आक्रोश बाढ पीडितों,परिक्रमा पंचगंगा का आंदोलन चल रहा है। हालांकि स्वाभिमानी के प्रदेश अध्यक्ष जलिंदर पाटिल (कोल्हापुर) ने दावा किया कि हमारा आंदोलन किसी पार्टी के खिलाफ नहीं है।
एकनाथ खड़से के नाम पर दिल्ली दरबार की आपत्ति
राज्यपाल ने बताया कि दिल्ली की अदालत ने वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे के नाम पर आपत्ति जताई थी,जिन्होंने भोसरी भूखंड मामले में ईडी की जांच और एनसीपी में शामिल होने के बाद जलगांव पालिका में भाजपा की शक्ति को कम कर दिया था। इसलिए राजू शेट्टी के साथ-साथ राकांपा भी खडसे का नाम हटाने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
नियमों पर उंगली रखेंगे तो उर्मिला मातोंडकर भी बाहर हो जाएंगी
सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल ने स्पष्ट किया था कि हाल ही में पराजित उम्मीदवारों को पिछले दरवाजे से ऊपरी सदन में भेजना अनुचित नहीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में राजू शेट्टी हटकनंगले निर्वाचन क्षेत्र से हार गए थे। विशेष रूप से ऐसा कोई नियम नहीं है कि एक उम्मीदवार जो हाल ही में चुनाव हार गया है,उसे नामांकित व्यक्ति के रूप में नहीं भेजा जा सकता है। अगर ऐसा है तो उर्मिला मातोंडकर और यशपाल भिंगे को भी मौजूदा 12 नामों की सूची से बाहर कर दिया जाएगा।