पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी विधायक अण्णा बनसोडे के बेटे और साथियों पर एजी एनवायरो इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के सुपरवाइजर तानाजी भगवान पवार के अपहरण और हत्या का आरोप लगा है। इस प्रकरण में दो और आरोपियों को फिरौती विरोधी दस्ते ने गिरफ्तार किया है। इससे पहले चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस बीच विधायक अण्णा बनसोडे के बेटे सिद्धार्थ जो इस मामले में मुख्य आरोपी हैं,वह फिलहाल फरार है। पुलिस को सिद्धार्थ बनसोडे की तलाश है। साजिद महिबूब शेख (उम्र 21, निवासी अल्पाइन गार्डन सोसायटी बिल्डिंग नंबर फ्लैट नंबर 204, कृष्णा नगर मेहत्रे वस्ती चिखली पुणे गणेश मंदिर के पास),रोहित अशोक कुसालकर (उम्र 20, राम चॉल राम मंदिर चिंचवड़ पुणे के पीछे पवारनगर निवासी) को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम
पुलिस इससे पहले सुल्तान इम्तियाज कुरैशी (उम्र 20,आनंदनगर,चिंचवड निवासी) रोहित उर्फ सोन्या गोरख भोसले (उम्र 20, निवासी गुरुदत्त हाउसिंग सोसायटी,चिकन चौक,ओटास्किम,निगडी) और दो अन्य को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस के अनुसार पिंपरी,चिंचवड़,चिखली और निगडी इलाकों में फिरौती रोधी दस्ते के उपनिरीक्षक महेंद्र पाटिल,पुलिस नायक संदीप पाटिल,पुलिस आरक्षक मगर और गरगोटे आरोपियों की तलाश कर रहे थे। गुप्त खबर के आधार पर आरोपी साजिद और रोहित को मंगलवार (18 दिसंबर) को गिरफ्तार किया गया।
क्या है अपहरण और हत्या का मामला –
11 मई को विधायक अण्णा बनसोडे से फोन पर हुई सुपरावाइजर तानाजी पवार की बातचीत हुई। जिसमें पहले विधायक बनसोडे पवार को धमकी और गाली दे रहे है। थोडी देर बाद बनसोडे का एक कार्यकर्ता फिर दोबारा फोन करके पवार को गालियां और मारने की धमकी दे रहा है। दूसरे दिन 12 मई को तानाजी का अपहरण के बाद जान से मारने का प्रयास किया गया। ऐसा आरोप पवार ने अपनी शिकायत में दर्ज कराया गया। तानाजी पवार का अपहरण कर लिया गया और उन्हें कालभोरनगर में एक कंपनी के कार्यालय में लाया गया। वहां विधायक बनसोडे के बेटे सिद्धार्थ बंसोडे,सावंत कुमार,लांडगे,सोन्या,साजिद,सुल्तान और उनके 10 से 15 साथियों ने पवार को हाथों,लट्ठों,चमड़े की पट्टियों,लोहे की छड़ और लकड़ी के डंडे से मारा। सिद्धार्थ बनसोडे ने पवार के सिर पर लोहे के चॉपर से प्रहार कर जान से मारने की कोशिश की। तानाजी पवार ने पिंपरी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। घटना की शुरुआत निगडी थाना क्षेत्र के अकुर्डी में हुई और मामले को पिंपरी पुलिस से निगडी पुलिस में स्थानांतरित कर दिया गया। पुलिस ने दो दिन में दो और बाद में दो लोगों को गिरफ्तार किया। फिरौती विरोधी दस्ते ने दो और को गिरफ्तार किया,जिससे गिरफ्तार आरोपियों की कुल संख्या छह हो गई।
पुलिस पर दबाव का आरोप कितना सच कितना झूठ
विधायक बनसोडे पुत्र को पुलिस 7 दिन बीत जाने के बाद भी गिरफ्तार नहीं कर सकी। इस बात को लेकर शहर मीडिया खबरों में ऐसा आरोप लगाया जा रहा है कि पुलिस पर दबाव है इसलिए गिरफ्तार करने में कतरा रही है। इस आरोप का खुलासा करते हुए खुद पिंपरी चिंचवड शहर पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने कहा कि जांच चल रही है। दोषियों को बक्शा नहीं जाएगा। पुलिस स्वतंत्र रुप से काम कर रही है। किसी का दबाव नहीं है,पुलिस दबाव में नहीं बल्कि स्वतंत्र रुप से जांच की दिशा में आगे बढ रही है। आरोपी कोई भी हो, किसी का भी बेटा हो अगर दोषी है तो कार्रवाई की जाएगी। आपको बताते चलें कि आयुक्त कृष्ण प्रकाश पर किसी का दबाव काम नहीं करता। पुणे के पालकमंत्री अजित पवार ने खुद पुलिस के एक कार्यक्रम में आयुक्त कृष्ण प्रकाश को बिना दबाव के स्वतंत्र रुप से काम करने की आजादी दी थी। आयुक्त कृष्ण प्रकाश का पुराना रिकॉर्ड अगर खंगाल कर देखें तो साफ सूथरा,पारदर्शी, निर्भिक,निडर,कर्मयोगी वाली छवि रही है। उनके कार्यकाल में किसी को गलती की माफी नहीं मिलती। चाहे खाकी हो या खादी।अगर गलती की तो सजा भी मिलेगी। विधायक बनसोडे पुत्र मामले में जांच के बाद दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। आयुक्त कृष्ण प्रकाश की कार्यशैली में अभी से उंगली उठाना जल्दबाजी होगी।