Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) लहराएगा तिरंगा यह गीत बाल मजदूरों,स्कूल न जाने वाले बच्चों के जीवन पर प्रकाश डालता है। स्वतंत्र भारत के अमृत महोत्सव वर्ष और भारत के गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इस गाने को रेडबड म्यूजिक के यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया गया है। इस सामाजिक मुद्दे पर आधारित गाने को दर्शकों का शानदार रिस्पॉन्स मिल रहा है और ये गाना सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है।
लहराएगा तिरंगा गीत के माध्यम से स्कूल न जाने वाले बच्चों, बाल मजदूरों के दैनिक जीवन पर प्रकाश डाला गया है। बाल मजदूर और स्कूल न जाने वाले बच्चे जो शहरों में कई जगहों पर काम करते हैं, ऐसे में शिक्षा से वंचित बच्चों को मुख्यधारा में लाया जाता है। और उन बच्चों की भारत के प्रति देशभक्ति को भी इस गीत के माध्यम से दिखाया गया है। यह गीत बाल श्रम अधिनियम एवं शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के मुख्य उद्देश्य से बनाया गया है।
गाने का टीज़र और पोस्टर हाल ही में भारत के पहले पैरालिंपिक स्वर्ण पदक विजेता, पूर्व भारतीय सेना अधिकारी, पद्मश्री मुरलीकांत पेटकर, पिंपरी-चिंचवड़ के पुलिस आयुक्त विनय कुमार चौबे और संयुक्त पुलिस आयुक्त मनोज लोहिया द्वारा अनावरण किया गया था। गाने को लिखा और निर्देशित किया है सीए अरविंद भोसले ने, इसे गाया है इंडियन आइडल फेम आशीष कुलकर्णी ने संगीत दिया है संगीत जील स्टूडियोज के डायरेक्टर श्रेयस देशपांडे ने। इसे एपीएच स्टूडियो की निदेशक अभिनेत्री प्रज्ञा पाटिल ने संपादित किया है। निर्माता सीए मनोज गायकवाड़ हैं।
इस गाने में पिंपरी के नेहरूनगर विठ्ठल नगर पुनर्वास झुग्गी के बच्चों ने पहली बार कैमरे के सामने अभिनय किया है। बाल कलाकार आशीष नाटेकर ने मुख्य भूमिका निभाई है। गौरव कदम,ओवी दाइथे,कुणाल गायकवाड़,वेदांत डोंगरे,कुमार अवचर,संतोष सगुंडे,कार्तिक जेगरी,अविनाश नाणेकर ने बाल कलाकार के रूप में अभिनय किया है जबकि अभिनेता रोहित पवार और किरण कांबले,शिव हरल ने बड़े अभिनेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस गीत के निर्देशक और लेखक सीए अरविंद भोसले ने कहा, हम सामाजिक मुद्दों पर आधारित लघु फिल्मों के माध्यम से हमेशा सामाजिक जागरूकता के लिए काम कर रहे हैं। इससे पहले कुल 5 शॉर्ट फिल्में बन चुकी हैं। इन लघु फिल्मों में से भावना और निशान लघु फिल्मों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार भी मिले हैं। लहराएगा तिरंगा गीता के माध्यम से हमने बाल मजदूरों और स्कूल न जाने वाले बच्चों के जीवन पर भी प्रकाश डालने का काम किया है।