Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) महाराष्ट्र विधानसभा की कसबा पेठ और चिंचवड़ विधानसभा सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होने हैं। लेकिन एक निर्णय से दोनों जगह का चुनाव रद्द हो सकता है। ऐसा दावा सुप्रसिद्ध वकील आसिम सरोदे ने किया है। उनके इस बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
दोनों सीटों पर बीजेपी के कसबा पेठ से विधायक मुक्ता तिलक और चिंचवड़ के विधायक लक्ष्मण जगताप का कैंसर से निधन हो गया था। दोनों सीटों के लिए कुल 73 उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। इन दोनों उपचुनावों के लिए आज से प्रचार शुरू हो जाएगा। इस अभियान में आज सभी पार्टियों के बड़े नेता शामिल होने वाले हैं। इन दोनों सीटों पर 26 फरवरी को मतदान होगा। लेकिन उससे पहले 14 फरवरी से शिवसेना के खिलाफ बगावत करने वाले 16 विधायकों की अयोग्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। उसी बैकग्राउंड पर आसिम सरोदे ने कमेंट किया है। अगर 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला जल्दी आ गया तो क्या कसबा और चिंचवड़ चुनाव रद्द हो सकते हैं? इस बारे में पूछे जाने पर असीम सरोदे ने कहा, ’भारत के संविधान के अनुच्छेद 172 के अनुसार विधान सभा का कार्यकाल 5 साल का होता है।
राज्य में 2019 में 14वीं विधानसभा अस्तित्व में आयी। लेकिन शिवसेना टूट गई और नई सरकार बन गई। इस मामले में कानूनी और संवैधानिक पेचीदगियां हैं,इसे सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया था। सुप्रीम कोर्ट 14,15 और 16 फरवरी को फैसला सुनाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने 14 और 15 तारीख को अपना फैसला सुनाया और महाराष्ट्र की विधानसभा को भंग कर दिया। तय हो गया कि यह सरकार गलत है। ऐसे में राष्ट्रपति शासन लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। अनुच्छेद 172 के अनुसार विधान सभा जीवित नहीं रहती है। इसलिए विधानसभा भंग होने के कारण चुनाव नहीं हो सकता है। उसके लिए मतदान संभव नहीं है।
कुछ लोगों का मानना है कि एक बार चुनाव की घोषणा हो जाने के बाद चुनाव कोई नहीं रोक सकता। लेकिन ऐसा नहीं है,चुनाव को रोका जा सकता है। अगर 14 तारीख को विधानसभा भंग हो जाती है तो किसी भी तरह से चुनाव कराना संभव नहीं है। इसलिए कसबा और पिंपरी-चिंचवड उपचुनाव नहीं हो सकते हैं।