Pcmc News (व्हीएसआरएस न्यूज) भारत के पास सैन्य उपकरणों के निर्माण में एक महाशक्ति के रूप में उभरने की क्षमता है। देश ने आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा के तहत एक बड़ा और महत्वपूर्ण मंच विकसित करने की क्षमता दिखाई है।
आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में, रक्षा क्षेत्र और उद्योग के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे रक्षा उत्पादों को विश्व स्तर पर बनाने के लिए मिलकर काम करें। साथ ही स्वतंत्रता के स्वर्ण युग में सशस्त्र बलों के निर्माण में योगदान देने वाले पारिस्थितिकी तंत्र को भी विकसित किया जाना चाहिए।
रक्षा सामग्री बनाने वाली कंपनी निबे लिमिटेड द्वारा आयोजित रक्षा उत्पाद, प्रणाली और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी ’सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) डेफ एक्सपो 2023’ का उद्घाटन मंगलवार को जनरल चौहान ने किया। वह उस समय बात कर रहे थे। यह प्रदर्शनी निबे लिमिटेड की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर चाकन के पास खालुब्रे एमआईडीसी में आयोजित की गई थी। प्रदर्शनी में रक्षा क्षेत्र के लिए विभिन्न सामग्रियों का निर्माण करने वाले 37 उद्योगों ने भाग लिया। इस प्रदर्शनी का निरीक्षण जनरल चौहान ने किया।
इस अवसर पर जनरल चौहान ने कहा, रक्षा क्षेत्र, अनुसंधान संस्थान, निर्माण उद्योग को एक साथ आने और सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण में योगदान देने की आवश्यकता है। इससे विदेशी मुद्रा भी बचेगी, सैन्य तैयारियां बेहतर होंगी। जब भी एक शक्तिशाली भारत की कल्पना की जाती है, सशस्त्र बल मुख्य फोकस होते हैं और पूरे देश को उनकी उपलब्धियों पर गर्व होता है। लेकिन सशस्त्र बलों के पीछे एक बड़ा रक्षा तंत्र खड़ा है, जो देश को मजबूत बना रहा है। साथ ही, यह रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र सशस्त्र बलों के साथ मिलकर काम करता है।