Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री एवं जिला पालक मंत्री चंद्रकांत दादा पाटिल ने आश्वासन दिया है कि जिले में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध करायी जा रही है और गांव में नागरिक सुविधाओं की कमी को अगले दो दिनों में पूरा कर लिया जायेगा।
वे शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में जिला परिषद द्वारा आयोजित ’संकल्प 2023-हर घर नल से जल’ कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। कार्यक्रम में विधायक उमा खापरे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी आयुष प्रसाद, जिला ग्रामीण विकास प्रणाली की परियोजना निदेशक शालिनी कडू, जल आपूर्ति विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रकाश खटाल आदि मौजूद थे। पालक मंत्री पाटिल ने बताया कि जिले में 145 करोड़ रुपये लागत के 1 हजार 678 कार्य स्वीकृत तथा 56 करोड़ रुपये लागत के नागरिक सुविधाओं के 470 कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए फंड कम नहीं होने दिया जाएगा। गांव में सड़क का काम अच्छी गुणवत्ता की होनी चाहिए।
देश में ’हर घर नल से पानी’ योजना पर 70 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। योजना के तहत 2024 तक हर घर में पानी पहुंचाने की योजना है। ग्रामीण महिलाएं दूर से सिर पर बाल्टी रखकर पानी लाती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 90% बीमारियाँ पानी के कारण होती हैं। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा इन बीमारियों को खत्म करने और महिलाओं की कठिनाइयों को दूर करने के लिए शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि योजना को शुरू करने और इसके पूरा होने के बाद नागरिकों को इसका लाभ देने के लिए दिखावटी नहीं होना चाहिए। सरपंच को यह जानना जरूरी है कि गांव में क्या योजना लानी है। वर्तमान में ग्राम पंचायत को केंद्र से मिलने वाली राशि का 85 प्रतिशत सीधे प्राप्त होता है। इसे विनियोजित करते समय गांव की जरूरतों और समस्याओं को ध्यान में रखते हुए विकास की सही योजना बनाना आवश्यक है। पालक मंत्री ने यह भी कहा कि गांव के विकास के लिए सरपंचों को प्रशिक्षित करने के लिए तहसील स्तर पर एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
परिचय में आयुष प्रसाद ने कहा, ग्रामीण क्षेत्रों में 1 हजार 521 परियोजनाओं को लागू करने के बाद जल जीवन मिशन के तहत 1 हजार 354 गांवों की योजना बनाई जा रही है और शेष गांवों को महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के माध्यम से किया जाएगा। जल जीवन मिशन के तहत 299 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है, जिसमें से 50 प्रतिशत राज्य से और 50 प्रतिशत केंद्र से प्राप्त हुई है। सरपंच योजना के लिए जगह उपलब्ध कराएं और स्थानीय विवादों का निपटारा करें और हर घर में नल लगाएं। योजना के लिए समय पर बिजली कनेक्शन दिया जाए और 10 प्रतिशत जनता का चंदा लिया जाए। उन्होंने अपील की है कि कार्य की गुणवत्ता अच्छी बनी रहे,यह सुनिश्चित करें।
जिले में युवा सरपंचों की संख्या अधिक है। इन सरपंचों के पास गांव के विकास का अच्छा अवसर है। उन्हें भी जल जीवन मिशन को अच्छे से करना चाहिए। साथ ही श्री प्रसाद ने कहा कि जन सुविधा योजना के सभी कार्य 31 मार्च से पहले पूर्ण कर लिए जाएं। पिछले वर्ष कर संग्रह में 25 प्रतिशत की वृद्धि और 340 करोड़ कर संग्रह के साथ जिले में सबसे अधिक कार्य ठोस कचरा प्रबंधन का हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि जिले में 9 लाख 27 हजार घरों में से 89 प्रतिशत घर महिलाओं के नाम हैं। इस अवसर पर ’घर घर जल’ घोषित गांवों के सरपंचों,योजना के क्रियान्वयन में बेहतर कार्य करने वाले अभियंताओं को सम्मानित किया गया। कार्यशाला में जिले के सरपंच,जल जीवन मिशन के ठेकेदार आदि शामिल हुए। इस कार्यशाला में जलापूर्ति योजनाओं के कार्य की गुणवत्ता,जल की गुणवत्ता,कार्यों का निरीक्षण,गुणवत्ता नियंत्रण,परियोजना सहायक सामग्री के प्रबंधन एवं नियंत्रण आदि पर मार्गदर्शन दिया गया।