Pcmc News आलंदी(वीएसआरएस न्यूज) संस्कारी पीढ़ी के निर्माण के लिए संत विचार आवश्यक है और प्राथमिक शिक्षा से लेकर उनकी संस्कृति की शिक्षा देने के लिए पहली बार श्री ज्ञानेश्वरी और हरिपठान का अलग पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है और इसके लिए संत ज्ञानेश्वर महाराज संस्थान ने पहल की है।
आलंदी संस्थान के मुख्य ट्रस्टी योगेश देसाई ने आलंदी में चल रही ’ओलख श्री ज्ञानेश्वरी’ की इस आध्यात्मिक गतिविधि को पूरे प्रदेश में सरंक्षण देने के निर्णय की घोषणा की है।
आलंदी में श्री धनेश्वर शिक्षण संस्था एवं श्री धनेश्वर महाराज चरित्र समिति की ओर से ’ओलख श्री धनेश्वरी’ गतिविधि के माध्यम से धनेश्वरी के विचारों को स्कूली बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। इसी तर्ज पर खेड़ तहसील के विद्यालयों में इस गतिविधि को प्रारंभ करने के लिए संस्थान में बैठक आयोजित की गई। इस मौके पर योगेश देसाई, स्वामी निरंजननाथ महाराज, अजीत वडगांवकर, प्रकाश काले, उमेश महाराज बागड़े, प्राजक्ता हरफले, विश्वंभर पाटिल, श्रीधर सरनाईक, विलास वाघमारे, प्रदीप काले, हेमांगी करंजकर, अद सचिन काले, अद विष्णु तपकीर, दीपक पाटिल आदि मौजूद रहे। उपस्थित थे। इस मौके पर स्वामी निरंजननाथ सहित कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए। संचालन उमेश महाराज बागड़े ने किया।
आलंदी में चल रही गतिविधि
संत ज्ञानेश्वर विद्यालय में 2022 से गतिविधियाँ
आठवीं कक्षा के ढाई सौ छात्रों ने ज्ञानेश्वरी पर पाठ्यक्रम में भाग लिया
हरिपथ पाठ और अर्थविकेहन में कक्षा चौथी से छठी तक के 550 विद्यार्थियों ने भाग लिया
ऐसी होती है परीक्षा
ज्ञानेश्वरी की मान्यता के लिए वर्ष में दो बार परीक्षा
पचास अंकों की लिखित और मौखिक परीक्षा
हर हफ्ते टेस्ट परीक्षा
दस बच्चों को पुरस्कृत किया गया