Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) आयुक्त एवं प्रशासक शेखर सिंह ने पिंपरी-चिंचवड मनपा का वित्तीय वर्ष 2023-24 का मूल बजट 5298 करोड़ रुपये तथा केंद्र सरकार की प्रायोजित योजनाओं से कुल 7 हजार 127 करोड़ 88 लाख रुपये का बजट पेश किया।
स्थायी समिति की विशेष बैठक में अतिरिक्त आयुक्त प्रदीप जम्भले,जितेंद्र वाघ,उल्हास जगताप,मुख्य लेखा अधिकारी जितेंद्र कोलोम्बे उपस्थित थे। पालिका के इतिहास में पहली बार हुआ कि आज ही बजट पेश हुआ और आज ही उसे मंजूरी दी गई। क्योंकि पालिका बर्खास्त है इसलिए स्टडी के लिए मांग करने वाला कोई नहीं था। यह भी पहली बार हुआ कि प्रशासक राज में बजट पेश हुआ। यह भी संयोग ही कहेंगे कि आज राज्यव्यापी कमचारियों की हडताल है,जिसमें पिंपरी चिंचवड मनपा के कर्मचारी भी सुबह से मुख्य गेट पर धरना आंदोलन पर बैठे है। हडताल के साए में आयुक्त शेखर सिंह को पालिका का बजट पेश करना पडा। यह भी पहली बार हुआ कि बजट के दिन हडताल से अतिरिक्त आयुक्त,अधिकारियों को अपने प्रायवेट वाहनों से मनपा भवन तक पहुंचना पडा। यह भी पहली बार हुआ कि इस वर्ष का बजट समय पर प्रस्तुत किया गया।
वही पुरानी योजनाएं
संपत्ति कर,जल उपकर में कोई वृद्धि नहीं – आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 5,298 करोड़ रुपये के बजट और 7,127 करोड़ रुपये की केंद्र सरकार प्रायोजित योजनाओं की दरों में कोई वृद्धि नहीं, लेखा विभाग द्वारा स्थायी समिति को प्रस्तुत किया गया था स्थायी समिति ने बुधवार को पालिकार आयुक्त शेखर सिंह का वर्ष 2023-24 बजट में पुरानी योजनाओं को शामिल किया गया है। 6 करोड़ 30 लाख रुपये की शेष राशि वाले इस बजट में पुरानी योजनाओं के सशक्तिकरण पर जोर दिया गया है।पालिका को केंद्र और राज्य सरकार के अनुदान से सहायता प्राप्त है और बैंक जमा को भी समर्थन के रूप में लिया गया है। इस पृष्ठभूमि पर पालिका आयुक्त द्वारा आय सृजन के नए स्रोतों के अभाव को प्रस्तुत किया गया है।
कोई नई घोषणा नहीं,पुरानी बोतल में नई शराब परोसी गई
स्थायी समिति की विशेष बैठक प्रशासक शेखर सिंह की अध्यक्षता में हुई। मुख्य लेखा अधिकारी जितेंद्र कोलोम्बे ने बजट तैयार किया है। कमिश्नर शेखर सिंह ने अपने करियर का पहला बजट पेश किया है। पालिका का यह 41वां बजट है। इस मौके पर अपर आयुक्त जितेंद्र वाघ, उल्हास जगताप, प्रदीप जांभले पाटिल आदि मौजूद रहे। चूंकि यह एक चुनावी वर्ष है, इस बजट के माध्यम से पिंपरी-चिंचवडकरों पर कर वृद्धि का बोझ टाला गया है। अपवादों को छोड़कर कोई नई घोषणा नहीं की गई है। पालिका की आय कैसे बढ़ेगी, इस पर बजट में कोई टिप्पणी नहीं की गई है। यह उम्मीद की जाती है कि संपत्ति कर, जीएसटी और भवन विकास शुल्क राजस्व बढ़ाने के लिए वित्त के पारंपरिक स्रोतों को सक्षम करेंगे।
बुनियादी ढाँचे, जल आपूर्ति और परिवहन पर प्राथमिकता के साथ इसके लिए धन निर्धारित किया गया है। पालिका आयुक्त द्वारा कोई नई परियोजना का सुझाव नहीं दिया गया है क्योंकि बजट मौजूदा जल आपूर्ति, सीवेज प्लांट और फ्लाईओवर को पूरा करने, शिक्षा में सुधार पर केंद्रित है।
बजट की विशेषताएं!
1) विभिन्न विकास कार्यों के लिए 1801 करोड़ 35 लाख
2) शहरी गरीबों के लिए 1524 करोड़
3) महिला योजना के लिए 48 करोड़ 24 लाख
4) सेक्टर स्तर पर विकास कार्यों के लिए 150 करोड़
5) जलापूर्ति विशेष कोष 154 करोड़
6) अमृत योजना का प्रावधान 20 करोड़
7) निर्माण विशेष योजना 846 करोड़
8) स्मार्ट सिटी का प्रावधान 50 करोड़
9) विकलांग कल्याण योजना के लिए 45 करोड़ 6 लाख
10) PMPL के लिए 294 करोड़ का प्रावधान
11) अतिक्रमण हटाने की व्यवस्था के लिए 10 करोड़ 50 लाख
भूमि अधिग्रहण के लिए 120 करोड़
शिक्षा में सुधार पर केंद्रित बजट
आयुक्त शेखर सिंह ने कहा, ’एकीकृत विकास की अवधारणा से नुसार पालिका के अधिकार क्षेत्र में सड़क पुल, अस्पताल, खेल के मैदान, स्कूल आदि सभी प्रकार की अधोसंरचना सुविधाओं का निर्माण कर सुगम संचार, आधुनिकता से शहर का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। चिकित्सा सेवाओं और शैक्षिक गुणवत्ता, और विभिन्न खेलों और एथलीटों को बढ़ावा देना। मैं इन सुविधाओं को सस्ती बनाकर शहर के सभी वर्गों के लिए आसानी से उपलब्ध कराने का इरादा रखता हूं। बुनियादी ढांचे के निर्माण के साथ-साथ शहर को पर्यावरण के अनुकूल बनाना और शहर के नागरिकों के स्वास्थ्य और जीवन स्तर में सुधार करना। मैं नागरिकों की सुरक्षा को बनाए रखने, विभिन्न पार्कों को अद्यतन करके मनोरंजन और मनोरंजन के लिए सुविधाएं बनाने और शहर के सभी सामाजिक तत्वों को तुरंत आवश्यक सेवाएं प्रदान करने का इरादा रखता हूं।