Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) नासिक फाटा से चाकन तक मेट्रो की जगह ’हाई स्पीड टायर बेस्ड एलिवेटेड मेट्रो नियो मार्ग’ बनाने का फैसला किया गया है। इसी के अनुरूप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को विधानमंडल में बताया कि इस मार्ग की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का कार्य प्रगति पर है।
पिंपरी-चिंचवड की बढ़ती आबादी,आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते औद्योगीकरण के कारण सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की समस्या भविष्य में जटिल न हो,इसलिए मेट्रो नेटवर्क बनाया जा रहा है। इसके अनुसार स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने महापालिका भवन से निगडी और हिंजवाड़ी से चाकन तक मेट्रो मार्ग बनाने का प्रयास किया। इन दोनों लाइन की मेट्रो को मंजूरी देने की मांग की गई थी। तदनुसार, हिंजवाड़ी से चाकन मार्ग पर नासिक फाटा से चाकन (23 किमी) तक मेट्रो के बजाय ’मेट्रो नियो मार्ग’ का निर्माण करने का निर्णय लिया गया है। इस पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री शिंदे ने विधानसभा में विधायक लक्ष्मण जगताप और माधुरी मिसाल द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा,’पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के अनुरोध के अनुसार महामेट्रो ने नासिक फाटा से चाकन तक के मार्ग के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की थी और इसे पालिका को मंजूरी के लिए भेजा था। उसके बाद पालिका ने महामेट्रो से इस रूट को मेट्रो नियो में बदलने और भोसरी डिस्ट्रिक्ट सेंटर से चाकन तक के रूट को छोटा करने का अनुरोध किया। इसमें एचसीएमटीआर मेट्रो नियो को नासिक फाटा से भोसरी और मेट्रो नियो को भोसरी जिला केंद्र से चाकन में बदलने का सुझाव पालिका ने दिया था। इसके अनुसार महामेट्रो के माध्यम से भोसरी जिला केंद्र से चाकन मेट्रो नियो तक डीपीआर तैयार करने का कार्य प्रगति पर है।
पिंपरी-चिंचवड़ से निगड़ी रूट का प्रस्ताव केंद्र को
राज्य सरकार ने 27 फरवरी 2019 को पिंपरी-चिंचवड़ से निगडी तक विस्तारित मार्ग के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी दे दी है। यह प्रस्ताव राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा था। केंद्र ने प्रस्ताव पर कुछ टिप्पणियां दर्ज की थीं और संशोधित डीपीआर जमा करने का निर्देश दिया था। इसी के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष 25 फरवरी को संशोधित परियोजना रिपोर्ट केंद्र को भेजी जा चुकी है। वर्तमान में यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के विचाराधीन है,मुख्यमंत्री शिंदे ने विधानमंडल में भी बताया।
मेट्रो नियो की खूबियां
1. मेट्रो नियो सिस्टम रेल गाइडेड सिस्टम है, जिसमें रबड़ के टायर वाले इलेक्ट्रिक कोच होंगे।
2. इसके कोच स्टील या एल्युमिनियम के बने होंगे. इसमें इतना पावर बैकअप होगा कि बिजली जाने पर भी ट्रेन 20 किमी चल सकेगी।
3. सामान्य सड़क के किनारों पर फेंसिंग करके या दीवार बनाकर इसका ट्रैक तैयार किया जा सकेगा।
4.इसमें ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम होगा, स्पीड लिमिट भी नियंत्रण में रहेगी।
5. इसमें टिकट का सिस्टम क्यू आर कोड या सामान्य मोबिलिटी कार्ड से होगा।
6. इसके ट्रैक की चौड़ाई 8 मीटर होगी. जहां रुकेगी, वहां 1.1 मीटर का साइड प्लेटफॉर्म होगा। आईसलैंड प्लेटफॉर्म चार मीटर चौड़ाई का होगा।
7. मेट्रो नियो की खूबी यह है कि इसमें मेट्रो नियो या मेट्रो लाइट के लिए 200 करोड़ तक का ही खर्च आएगा।
क्या होती है नियो मेट्रो
मेट्रो नियो सेवा में इलेक्ट्रिक बस कोच होते हैं। एक बार में 250 यात्रियों की वहन क्षमता वाले कोच की लंबाई 18 से 25 मीटर तक होती है। इन बसों में रबर के टायर होते हैं और रेलवे या ट्राम के समान ओवरहेड बिजली के तार से बिजली खींची जाती है और यह एलिवेटेड रास्ते पर दौड़ती है। भारत में 13 मेट्रो रेलवे सिस्टम और सेवाएं (या रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) चालू हैं। ये हैं कोलकाता,दिल्ली,बेंगलुरु (नम्मा),गुरुग्राम (रैपिड मेट्रो),मुंबई,जयपुर, चेन्नई,कोच्चि,लखनऊ,हैदराबाद,नोएडा,अहमदाबाद और नागपुर। भारत के इन सभी शहरों में मेट्रो सिस्टम भारतीय रेलवे द्वारा संचालित नहीं हैं। हालांकि कोलकाता मेट्रो भारतीय रेलवे के तहत आती है।