पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी में एक संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय श्रमिक आघाडी के अध्यक्ष और (एनएफआईटीयू) नेश्नल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष यशवंत भोसले ने बताया कि राज्य सरकार ने पिंपरी चिंचवड़ मनपा को 687 श्रमिकों को समायोजित करने का आदेश दिया है जो कोविड काल के दौरान वेतन पर काम कर रहे थे। यशवंत भोसले ने कोर्ट से सैकडों कामगारों को न्याय दिलाने का काम किया। इससे राज्य में विभिन्न सरकारी गैरसरकारी विभागों में मानधन पर काम करने वाले कर्मचारियों की आस जागी है।
मुंबई हाईकोर्ट से मिला न्याय,राज्य के मानधन कर्मचारियों की जगी आस
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए यशवंत भोसले ने बताया कि पिंपरी चिंचवड़ मनपा में कोरोना काल में कर्मचारी एएनएम,जीएनएम नर्स, टेक्नीशियन जैसे विभिन्न पदों पर पारिश्रमिक पर काम कर रहे थे। पिंपरी चिंचवाड़ पालिका ने 18 मार्च, 2020 को एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी कि इन कर्मचारियों को स्थायी सेवा में शामिल किया जाए। यह प्रस्ताव राज्य सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया था। इसमें स्वास्थ्य और चिकित्सा विभागों में विभिन्न पद शामिल हैं। सरकार की ओर से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से पहले ही पिंपरी चिंचवाड़ आयुक्त ने विभिन्न समाचार पत्रों में 2021 में नई श्रमिक भर्ती का विज्ञापन प्रकाशित कर प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इनमें विशेष चिकित्सा विभाग में विभिन्न पद शामिल हैं। राष्ट्रीय श्रमिक अघाडी की ओर से अध्यक्ष यशवंत भोसले ने आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई थी। इस आवेदन को नजरअंदाज करते हुए आयुक्त ने भर्ती प्रक्रिया जारी रखी। इस संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। उसके बाद माननीय बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट के इस निर्णय से राज्य में विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत मानधन वाले कर्मचारियों की उम्मीदें बढ़ गई है।
6 सप्ताह के भीतर मनपा निर्णय लें-कोर्ट
कोर्ट ने आदेश दिया है कि पिंपरी चिंचवड़ मनपा की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर 6 सप्ताह के भीतर फैसला लिया जाए। उसके बाद राज्य सरकार के शहरी विकास विभाग ने 8 सितंबर 2022 को राज्यपाल के हस्ताक्षर से एक अध्यादेश जारी किया गया है कि पिंपरी चिंचवड़ मनपा ने चिकित्सा में कुल 687 समेकित परिलब्धियों पर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नियमितीकरण के प्रस्ताव के अनुसरण में सुनवाई की है। संवर्ग इस संबंध में दिए गए आदेश पर अमल किया जाए और पूर्णता रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। आयुक्त पिंपरी चिंचवड़ मनपा पहले ही बता चुका है कि कोविड काल में कार्यरत कर्मचारियों ने बेहद महत्वपूर्ण कार्य किया है। साथ ही आयुक्त ने बताया है कि उनके प्रस्ताव में उक्त पद आवश्यक हैं।
कर्मचारियों के मुद्दे पर मनपा आयुक्त शेखर सिंह का साकारात्मक रुख
उक्त फीडबैक के आधार पर आयुक्त द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के आधार पर कुल पारिश्रमिक के आधार पर कार्यरत इन 687 कर्मचारियों को पालिका की सेवा में शामिल करने की स्वीकृति कुछ शर्तों पर दी गयी है। इससे कुल 687 वेतनभोगी कर्मचारी लाभान्वित होंगे और साथ ही राज्य के अन्य स्थानीय निकायों के लाखों कर्मचारियों को भी इस आदेश से लाभ होगा। यशवंत भोसले ने भी संतोष व्यक्त किया कि पिंपरी चिंचवड़ मनपा और राज्य सरकार के नगरसेवकों ने इस मुद्दे पर सकारात्मक रुख अपनाया और नगरसेवकों और राज्य सरकार को बधाई दी। यशवंत भोसले ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आयुक्त शेखर सिंह ने भी इस संबंध में सकारात्मक रुख अपनाया है।