Pune News पुणे (व्हीएसआरएस न्यूज) मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सहयाद्री गेस्ट हाउस में आयोजित बैठक में पंढरपुर आषाढ़ी वारी के लिए बस सेवा के लिए एसटी द्वारा की गई योजना की समीक्षा की। इस अवसर पर राज्य परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक शेखर चन्ने सहित निगम के अधिकारी उपस्थित थे। पंढरपुर आषाढ़ी यात्रा महाराष्ट्र के सभी आम लोगों के आस्था का विषय है। इसमें एसटी का यात्री परिवहन विशिष्ट सामान्य महत्व का है। इस दौरान एसटी यात्रियों को सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराए। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं-यात्रियों को सीधे उनके गांव से पंढरपुर ले जाने और विठ्ठला के दर्शन कर उन्हें सकुशल घर पहुंचाने की जिम्मेदारी एसटी की है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एसटी निगम को आषाढ़ी एकादशी (27 जून को) के अवसर पर पंढरपुर यात्रा के लिए राज्य भर से 5000 विशेष एसटी बसें जारी करने का निर्देश दिया है।200 अतिरिक्त बसें उपलब्ध कराई गई हैं।
किस सेक्शन से कितनी बसें?
आषाढ़ी यात्रा के लिए मुंबई, पुणे, नासिक, औरंगाबाद, नागपुर, अमरावती सहित छह क्षेत्रों से ट्रेनों की योजना बनाई गई है। एसटी ने यात्रा के लिए करीब 5000 बसों को रवाना करने की योजना बनाई है। पंढरपुर के लिए छत्रपति संभाजीनगर क्षेत्र से 1200, मुंबई से 500, नागपुर से 100, पुणे से 1200, नासिक से 1000 और अमरावती से 700 विशेष बसों की योजना बनाई गई है।
चार अस्थाई बस अड्डे बनाए जाएंगे
पंढरपुर यात्रा के लिए राज्य भर के लाखों श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न खंडों से बसें चलाई जाएंगी। तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भीड़ के कारण एक स्टेशन पर भीड़ से बचने के लिए यात्रियों की सुविधा के लिए पंढरपुर में चार अस्थायी बस स्टेशन चंद्रभागा, भीमा, पांडुरंग (आईटीआई कॉलेज) और विठ्ठल कारखाना यात्रा स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इस बीच यात्रा के दौरान बस अड्डे पर पेयजल, सुलभ शौचालय, कम्प्यूटरीकृत आरक्षण केंद्र, पूछताछ कक्ष, मार्गदर्शन बोर्ड जैसी विभिन्न सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
दोनों पालकी पालकी कब रवाना होगीं?
इस बीच, जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज की पालकी 10 जून को देहू से पंढरपुर के लिए रवाना होगी। संत तुकाराम की पालकी 28 जून को पंढरपुर में प्रवेश करेगी। तुकोबा की पालकी 29 जून को आषाढ़ी एकादशी समारोह में भाग लेगी। दरअसल, इस दिन तुकोबा और विठोराया की मुलाकात होने वाली है। लिहाजा 11 जून को संत ज्ञानेश्वर महाराज की पालकी आलंदी से रवाना होगी। पैदल यात्रा के बाद पालकी 28 जून को पंढरपुर पहुंचेगी और संत ज्ञानेश्वर मौली 29 जून को विठोराया से मिलेंगे।