Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) महावितरण हड़ताल में पुणे के 13 संगठन शामिल हुए। विरोध प्रदर्शन दोपहर 12 बजे से शाम 6 बजे तक पुणे के रास्तापेठ इलाके में होगा। इसमें 4500 कर्मचारी हिस्सा लेंगे। साथ ही 1200 संविदा कर्मी भाग लेंगे। वितरण क्षेत्र में निजी कंपनियों को समानांतर लाइसेंस देने की नीति अपनाई गई है। इसके विरोध में बिजली कर्मचारी,इंजीनियर आज से 72 घंटे की हड़ताल पर रहेंगे। पुणे शहर के कुछ हिस्से और ग्रामीण इलाके हड़ताल से प्रभावित हुए हैं।
हड़ताल से प्रभावित ’यह’ क्षेत्र
पुणे,शिवणे,सन सिटी,वडगांव,सिंहगढ़ रोड क्षेत्र,कोंढवे धावडे,कात्रज क्षेत्र में दोपहर 1 बजे से बिजली आपूर्ति बाधित है। इससे नागरिकों को कुछ हद तक परेशानी उठानी पड़ती है। इस हड़ताल का खामियाजा ग्रामीण क्षेत्रों में भी नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। गलत संदेश पर विश्वास न करें। निर्बाध विद्युत आपूर्ति बनाए रखने के लिए वैकल्पिक प्रणालियां युद्ध स्तर पर तैयार हैं। शिकायत या शंका होने पर महावितरण ने महावितरण के टोल फ्री नंबर पर संपर्क करने की अपील की है। महाराष्ट्र में कई जगहों पर बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। इसका खामियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। कई नागरिकों ने भी शिकायत की है। पुणे में दो फीडर बंद होने के कारण पुणे के ग्रामीण इलाकों में कुछ बिजली कटौती हुई। कुछ समय पहले बिजली आपूर्ति बहाल की गई है। यह एक तकनीकी समस्या है। महावितरण संस्था पूरे महाराष्ट्र में काम करती है। इससे बिजली आपूर्ति कुछ हद तक बाधित होती है। महावितरण के निदेशक विश्वास पाठक ने कहा है कि हड़ताल का हवाला देना गलत है।
क्या है संगठनों की मांगें
महावितरण के कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया है। महावितरण कर्मचारियों की 30 यूनियनों ने यह आरोप लगाते हुए हड़ताल का आह्वान किया है कि अडानी समूह को बिजली वितरण लाइसेंस देने की कार्रवाई चल रही है। बिजली ठेका मजदूरों की नियमित भर्ती में जो नियमित रिक्तियों पर कार्यरत हैं और महावितरण महापौरशन और महानिर्मिती कंपनियों में नौकरी की आवश्यकताओं को उड़ीसा, राजस्थान, पंजाब सरकारों की तरह प्राथमिकता के आधार पर समायोजित किया जाना चाहिए या पूर्व के मामले में दैनिक आधार पर बनाए रखा जाना चाहिए महाराष्ट्र राज्य विद्युत मंडल जहां ठेकेदारों के बिना और स्थायी रूप से श्रमिकों को काम पर रखा जाता है। रानाडे समिति की रिपोर्ट के अनुसार, संगठनों ने मांग की है कि तीनों कंपनियों में काम करने वाले सभी बिजली अनुबंध श्रमिकों को स्थायी रोजगार दिया जाए। महावितरण महापरेशन एवं महानिर्मिती कंपनी में नियमित रिक्तियों के आधार पर 60 वर्ष की आयु तक।