Maharashtra News नागपुर (व्हीएसआरएस न्यूज) महाराष्ट्र के 34 जिलों के 7751 ग्रामपंचायत सीटों पर जारी नतीजों के मुताबिक बीजेपी-शिंदे गुट और महाविकास आघाड़ी के बीच कांटे की टक्कर है। महाविकास अघाड़ी को 3258 सीटें मिली थीं। बीजेपी-शिंदे गुट को 3013 सीटें मिली हैं। अन्य को 1361 सीटें मिली हैं। इनमें महाविकास अघाड़ी के 761 निर्वाचित सदस्य और सरपंच शामिल हैं। यानी हमारे महाविकास अघाड़ी की 4019 सीटों पर चुनाव हो चुका है। महाविकास अघाड़ी ने महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं। अजीत पवार ने कहा, मैं सभी निर्वाचित सरपंचों और सदस्यों का स्वागत करता हूं। ऐसा दावा नागपुर अधिवेशन में पहुंचे अजित पवार ने किया है।
अब तक के 7751 सीटों में से 7669 पर नतीजे घोषित हो चुके हैं। इसके अनुसार, शिंदे गुट के 801, उद्धव ठाकरे गुट के 705, बीजेपी के 2352, कांग्रेस के 980, एनसीपी के 1550 और अन्य 1281 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। पुणे जिले की पांच ग्राम पंचायतों में सरपंच पद के लिए किसी ने आवेदन नहीं भरने के कारण पद रिक्त रह गए हैं। जिले की 221 ग्राम पंचायतों में से 45 ग्राम पंचायतों का चुनाव निर्विरोध हो गया है। ग्राम पंचायतों में से 45 ग्राम पंचायतों का चुनाव निर्विरोध हो गया है। इसलिए 176 ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव हुए। पुणे जिले में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार बनाम पालक मंत्री चंद्रकांत पाटिल का मामला देखने को मिला। इसमें अजित पवार की जीत हुई है।
जिन गांवों में सरपंच का पद रिक्त है
भोर तहसील में 2 गाँव, दौंड में 1, जुन्नर में 1 गाँव और मुलशी में 1 गाँव शामिल हैं।
जिन ग्रामों की सदस्यता रिक्त है
वेल्हा तहसील में 18, भोर में 22, दौंड में 1, जुन्नर में 16, अंबेगांव में 8, खेड़ में 2, मावल में 1 और मुलशी में 11 ग्राम पंचायत सदस्य पद खाली हैं।
एनसीपी जीत गई
एनसीपी को 92 सीटों पर जीत मिली है। बीजेपी ने 38 सीटों पर जीत हासिल की है। कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत मिली है। हालांकि शिंदे गुट को 3 सीटों से संतोष करना पड़ा है। शिवसेना ने 12 सीटों पर कब्जा किया है और स्थानीय गठबंधन ने 52 सीटों पर जीत हासिल की है।
अजित पवार का जादू चला
पुणे जिले में नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार और पालक मंत्री चंद्रकांत पाटिल लड़ रहे थे। इसमें अजित पवार ने 221 में से 92 ग्राम पंचायतों पर कब्जा कर लिया है। एनसीपी की जीत में पूर्व गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, दिलीप मोहिते, राज्य के पूर्व मंत्री दत्ता भरणे, सुनील शेलके, अतुल बेनके के तहसीलों ने अहम भूमिका निभाई है। पालक मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने जहां खुद कई जगहों पर प्रचार किया, वहीं बीजेपी सिर्फ 38 जगहों पर ही जीत हासिल कर पाई है। तो इसे बीजेपी के लिए झटका माना जा रहा है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विद्रोह का हथियार उठाने के बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने 12 ग्राम पंचायतों पर कब्जा कर लिया है, जबकि शिंदे समूह को तीन ग्राम पंचायतों को जीतकर संतोष करना पड़ा है। भोर के कांग्रेस विधायक संग्राम थोपटे ने उम्मीद के मुताबिक भोर और वेल्हा तहसील में अपना गढ़ बरकरार रखा है।
हवेली में राष्ट्रवादी का दबदबा
अश्विनी गोगावले हवेली तहसील में गोगलवाड़ी के सरपंच के पद पर काबिज हुई। अश्विनी गोगावले अशोक गोगावले की पत्नी हैं और कालूबाई माता ग्राम विकास पैनल की उम्मीदवार हैं। हवेली तहसील में एनसीपी ने 3, बीजेपी ने 3 और शिवसेना ठाकरे ने 3 सीटों पर जीत हासिल की है।